पं दीनदयाल उपाध्याय के प्रति सच्ची श्रद्धांजली अभी शेष हैं : डीडी त्रिपाठी।
जमशेदपुर। पूर्व भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य डी डी त्रिपाठी ने एकात्मवाद एवं अंत्योदय के रश्मि पूँज, मानववाद के प्रखर अमिट हस्ताक्षर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 54 वीं पुण्य तिथि पर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित की।
इस अवसर पर त्रिपाठी ने कहा कि देश में एकात्मवाद की जगह जातिवाद एवं अंत्योदय की जगह जाति पोषक प्रवृति का सुरषा की तरह विकराल रूप में उसके प्रभाव का पुनः बढ़ना वर्तमान के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं ।और ये चिंता का विषय तब ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाता हैं जब उनके सिद्धांतो की आड़ लेकर व्यवस्था वैसे तत्वों को पोषित करती नज़र आये जिसके खिलाफ उन्होंने अपनी शहादत दी। एक वक्त था कि जाति के नाम पर वोट माँगने तक से इंकार करते हुए ब्राह्मणों की सभा में जाने के बजाये लोकसभा चुनाव में वे हार को स्वीकार करना ज्यादा महत्वपूर्ण माने ।पर आज वोट के लिए सीट तय करने से लेकर हार जीत के गुणा भाग जाति के नाम पर तय किये जा रहें हैं और तो और जाति के नाम पर राजनीतिक घृणा तक परोसने से पार्टियाँ बाज नहीं आ रही ।इसी देश में नैशर्गिक न्याय की हत्या के लिए शाहबानों की तरह 18/A कानून तक बना दिये गए।वैसे में इस महान आत्मा के प्रति सच्ची श्रद्धांजली अभी भी शेष हैं।