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नाग पंचमी पर करें नाग देवता की पूजा

रौशन कु पांडेय जमशेदपुर. सावन मास की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म में नागों की पूजा के इस पावन पर्व का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव के आभूषण नाग देवता की पूजा की जाती है। इस बार नाग पंचमी का त्योहार 13 अगस्त शुक्रवार के दिन मनाया जायेगा। हिंदू धर्म में नागों की पूजा के इस पावन पर्व का बहुत महत्व है। यह जानकारी डीमना के पंडित श्यामलाल पांडेय दी। उन्होंने कहा कि इस दिन भगवान शिव के आभूषण नाग देव की पूजा की जाती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, नागों की पूजा करने से आध्यात्मिक शक्ति, अपार धन और मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।
मान्यता है कि इस दिन नाग देवता को दूध अर्पित करने के साथ दूध से स्नान कराने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन के संकटों का नाश होता है। माना जाता है कि अगर इस दिन किसी व्यक्ति को नाग के दर्शन होते हैं, तो उसे बेहद शुभ माना जाता है। नाग पंचमी की पूजा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और सांप के काटने का डर भी दूर होता है। नाग पंचमी की पूजा-विधि नाग पंचमी के दिन अनन्त, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिगल नामक देव नागों की पूजा की जाती है। पूजा में हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नागदेवता की पूजा करें। कच्चे दूध में घी और चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें। इसके बाद नाग देवता की आरती उतारें और मन में नाग देवता का ध्यान करें। अंत में नाग पंचमी की कथा अवश्य सुनें।

– नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त: पंचमी तिथि प्रारंभ 12 अगस्त को दोपहर 3:24 मिनट से 13 अगस्त दोपहर 1:42 मिनट तक।
– नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अगस्त सुबह 5:49 मिनट से सुबह 8:27 मिनट तक रहेगा।

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