डुमरिया – जोखिम पूर्ण स्थिति में रहने वाले बच्चों एवं मैपिंग अभिभावकों की मैपिंग हेतु प्रखंड स्तरीय हितधारकों का उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन
डुमरिया – जोखिम पूर्ण स्थिति में रहने वाले बच्चों एवं मैपिंग अभिभावकों की मैपिंग हेतु प्रखंड स्तरीय हितधारकों का उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, द एशिया फाउंडेशन, नई दिल्ली, जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम के सहयोग से बाल कल्याण संघ, राँची के द्वारा आज डुमरिया प्रखंड सभागार में किया गया ।
उक्त कार्यशाला के माध्यम से प्रखंड क्षेत्र में कठिन / जोखिम पूर्ण परिस्थिति में जीवन बसर करने वाले बच्चे एवं परिवारों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है ।
प्रखंड स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी साधुचरण देवगम ने कहा कि यह मैपिंग जिले के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इस मैपिंग प्रक्रिया में आप सभी का योगदान बहुत जरूरी है । हमारे प्रखंड के लिए संवर्द्धन -II कार्यक्रम मिल का पत्थर शाबित होगा ।
आप सभी अपने-अपने गांव में उन बच्चों और परिवारों को चिन्हित कर उनके जीवन में रोशनी लाने का कार्य कर सकते हैं ।
आप सभी उन्मुखीकरण कार्यशाला में आये सभी प्रतिभागी, आंगनबाड़ी सेविका अपने-अपने गांव में दिए गए प्रपत्र में कठिन / जोखिमपूर्ण परिस्थिति में रहने वाले बच्चे एवं अभिभावकों को चिन्हित कर सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, द एशिया फाउंडेशन, नई दिल्ली, जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम एवं बाल कल्याण संघ का यह संयुक्त प्रयास बच्चों के बेहतर सुरक्षा और संरक्षण के लिए के आगे की रणनीति बनाने में सहयोगी हो सकता है ।
मैपिंग कार्य के माध्यम से सुनिश्चित किया जायेगा की जिले के एक-एक बच्चे की मॉनिटरिंग करते हुए उनको सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया जा सके ।
उन्होंने कहा कि इस मैपिंग प्रक्रिया में हर व्यक्ति की सहयोग अपेक्षित है सभी के सहयोग से ही हम गांव स्तर पर जोखिम परिस्थिति में रहने वाले बच्चे एवं परिवार को सही तरीके से मैपिंग कर उनको लाभ दिलाने का कार्य कर सकते हैं ।
सुनील कुमार गुप्ता परियोजना प्रबंधक ने कहा कि इस मैपिंग प्रक्रिया के माध्यम से हमारे प्रखंड के लिए एक अच्छा मौका है कि हम प्रखंड क्षेत्र के सभी गांवों में कठिन/जोखिमपूर्ण स्थिति में जीवन बसर करने वाले बच्चों को चिन्हित कर पाएंगे जो कहीं न कहीं समाज के वंचित पीड़ित उपेक्षित परिवार से संबंध रखते हैं । चिन्हित किये गए बच्चों को खतरें में जाने से रोकने के लिए संवर्धन -II की शुरूआत किया गया ।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार, द एशिया फाउंडेशन, नई दिल्ली एवं जिला प्रशासन, पुर्वी सिंहभूम के सहयोग से किया जा रहा है ।
मैपिंग प्रक्रिया प्रखंड के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा ।
उन्होंने कहा कि कठिन एवं जोखिमपूर्ण स्थिति में रहने वाले बच्चों को चिन्हित करने हेतु प्रखंड प्रशासन पूरी सहयोग करेगा ।
उन्होंने स्वागत भाषण सह विषय प्रवेश करते हुए बताया राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा कोरोना काल में बच्चों पर होने वाले खतरे को देखते हुए एक दस्तावेज तैयार किया गया है ।
जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि कोरोना से हुए लॉक डाउन के पश्चात बच्चों में मानव तस्करी, बाल विवाह, बाल श्रम और बाल शोषण की बढ़ने की संभावना है ।
इसी दस्तावेज को ध्यान में रखते हुए द एशिया फाउंडेशन, नई दिल्ली एवं जिला प्रशासन खूँटी के द्वारा संवर्धन -I कार्यक्रम आयोजन के तहत कठिन परिस्थितियों रहने वाले बच्चों की मैपिंग की गई ।
वर्तमान में उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम के विशेष मांग पर संवर्धन -II कार्यक्रम का शुभारंभ 23 अगस्त 2021 को माननीय केंद्रीय मंत्री जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार श्री अर्जुन मुंडा के द्वारा किया गया ।
जिसके तहत कठिन / जोखिमपूर्ण परिस्थिति में जीवन बसर करने वाले सभी बच्चों को मैपिंग कर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से जोड़ने की पहल की जाएगी ।
ताकि बच्चों को खतरे में जाने से पहले रोका जा सके ।
इस कार्य में स्थानीय संस्थान बाल कल्याण संघ, राँची, जिला प्रशासन के साथ मिलकर बच्चों की मैपिंग करने में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहा है ।
उन्होंने बताया कि मैपिंग प्रक्रिया को बेहतर तरीके से करने हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी के स्तर से सभी राज्यस्व ग्राम में विशेष ग्राम सभा के आयोजन हेतु पत्र निर्गत किया जाएगा ताकि मैपिंग प्रक्रिया को पूरे प्रखंड में एक अभियान के रूप में 1 से 2 दिनों के अंदर ही पूरा मैपिंग कार्य पूरा किया जा सके ।
मुख्य परियोजना समन्वयक डॉ विजय पाणी पांडे ने कहा कि इस मैपिंग प्रक्रिया में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाना है ।
विशेष ग्राम सभा के माध्यम से गांव स्तर पर कठिन / जोखिमपूर्ण परिस्थिति में जीवन बसर करने वाले बच्चे और अभिभावकों को चिन्हित करते हुए उनका मैपिंग किया जाना है ।
ताकि गांव में कठिन / जोखिमपूर्ण स्थिति में जीवन बसर करने वाले कोई भी बच्चे छूट नहीं पाए ।
विशेष ग्राम सभा में मुखिया, ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य, सहिया, तेजस्विनी क्लब, महिला समूह के सदस्य, स्कूल शिक्षक, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य, ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्य, माता समिति, आंगनबाड़ी सेविका, सामाजिक कार्यकर्ता एवं गैरसरकारी संस्थान के प्रतिनिधि को शामिल करना है ।
उन्होंने कहा कि आप सभी इस मैपिंग प्रक्रिया के साक्षी बने और उन बच्चों को सुरक्षा और संरक्षण देने में अपना अहम योगदान दें ।
विशेष ग्राम सभा के माध्यम से मैपिंग करने में पारदर्शिता लाया जा सके और विशेष ग्राम सभा की पंजी में उन सभी बच्चों का सूची दर्ज किया जा सके जिनकी मैपिंग की जा चुकी है ताकि भविष्य में इन बच्चों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने एवं अनुश्रवण करने में लाभ मिल सके । उनको होने वाले खतरों से बचाने में सहयोग किया जा सके ।
कृष्णा कुमार, प्रकाश सिंह एवं शारदा मिंज ने मैपिंग प्रक्रिया को किस प्रकार से किया जाना है ।
बच्चों को कैसे चिन्हित किया जाना है इसके विषय में विस्तार पूर्वक सभी प्रतिभागियों को बताया ।
इस उन्मुखीकरण कार्यशाला में प्रखंड के आंगनबाड़ी सेविका, सहिया, ग्राम कार्यकारणी समिति के अध्यक्ष, तेजस्विनी क्लब, सहिया, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे ।
इस पूरे कार्यक्रम को प्रखंड स्तर पर अर्जित करने में जिला बाल संरक्षण इकाई के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ चंचल कुमारी का अहम योगदान रहा है ।
आज इस कार्यक्रम में लगभग 70- 80 आंगनबाड़ी सेविका, सहिया एवं प्रखंड स्तर के विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया ।
उन्मुखीकरण कार्यशाला को सफल बनाने में बाल कल्याण संघ के प्रकाश सिंह, अशोक बारीक, देवांक कुमार, महिला पर्यवेक्षिका का अहम योगदान रहा ।