चाईबासा । गुवा बंद पड़े खदानों के लिये झारखण्ड सरकार गंभीर नहीं है। जबकि हमारे विधानसभा क्षेत्र में आयरन और मैग्नीज से भरा पड़ा है। फिर भी यहाँ के मूल निवासी कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, गुजरात, ओड़िशा जैसे राज्य रोजगार की तलाश में जाने के लिये विवस हैं।
यह बातें आजसू पार्टी के सारंडा मंडल अध्यक्ष वीरू सोनार ने कहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहाँ के वर्तमान सरकार को ये क्यों नजर नहीं आ रहा है कि 2015 से यंहा के लगभग खदाने बंद है। हमें अख़बार के माध्यम से पता चलता है कि मार्च में सारंडा के घाटकुड़ी के खदानों का नीलामी होगी, किन्तु सारी ख़बरें महज अफवाह ही रह जाती है। ना झारखण्ड सरकार पढ़े लिखें युआकों को नौकरी देती है ना ही बेरोजगारी भत्ता देती है। अब यहां के मूल निवासी जाएं तो कहां जाएं। रोजगार की तलाश में वर्तमान में अभी सरेंडर स्थित टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट घाटकुड़ी माइंस चल रही है। जिसमें लगभग 750 लोगों को रोजगार मिल रहा है। परन्तु वर्तमान सरकार उसके प्रोड्क्शन क्षमता घटाकर 12 लाख टन सालाना कर दी है। यहाँ सब चीजें उल्टी हो रही है। जिसका प्रोडक्शन बढ़ना चाहिये वो घट जाता है। पिछले कई वर्षों से खदानों की नीलामी को लेकर सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। यहाँ लोग काफ़ी आक्रोषित है। बेरोजगारी के कारण अपने घर परिवार छोड़ दूसरे राज्य रोजगार की तलाश में जा रहे है। जबकि हमारे ही क्षेत्र में खनिज सम्पदा से भरी पड़ी है। रोजगार न मिलने के कारण क्षेत्र में चोरी डकैती जैसे अपराध का ग्राफ बढ़ते जा रहा है। मेरी सरकार से मांग है कि सारंडा क्षेत्र में बंद पड़ी खदानों को खोला जाए ताकि यहां की बेरोजगारी की समस्या दूर हो सके और लोगों को रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों पर पलायन ना हो। अगर झारखंड सरकार बंद पड़ी खदानों को खुलवाने में सक्षम नहीं है और बेरोजगारी दूर करने में नाकाम है तो इसके लिए आजसू पार्टी सड़क से लेकर सदन तक पुरजोर आंदोलन का रास्ता अपनायेगी।