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गुंडीपोसी खदान चौक हतीमुंडा से नुंदीगुटु पीडब्ल्यूडी रोड पुरनापानी निविदा में भारी अनियमितता और धांधली बरते जाने के साथ साथ गलत ढंग से किया गया बड़े ठिकेदार को कार्य आवंटित

मझगांव व जगन्नाथपुर विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक नें ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव व मुख्य अभियंता से किया लिखित शिकायत दर्ज

मुख्य अभियंता नें उक्त गलती को सीधे तौर पर नज़र अंदाज़ कर टेक्निकल पास कर दिया जो निविदा नियम प्रकिया का उल्लंघन माना जाता

चाईबासा।ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य प्रमंडल चाइबासा के अधीन गुंडीपोसी खदान चौक हतीमुंडा से नुंदीगुटु पीडब्ल्यूडी रोड पुरनापानी निविदा में भारी अनियमितता और धांधली बरते जाने के साथ साथ गलत ढंग से बड़े ठिकेदार को कार्य आवंटित करने हेतु टेक्निकल पास कर एल वन किए जाने के संबंध में मझगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक बडकुंवर गगाराई और जगन्नाथपुर विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा के द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव और ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता से लिखित शिकायत दर्ज कराई है।गौर तलब है कि इस निविदा में तीन संवेदक के द्वारा भाग लिया गया था। एल वन किए जाने वाले संवेदक M/S चंदेल कंस्ट्रक्शन के बैंक ऑफ़ बड़ौदा,बिष्टुपुर शाखा के द्वारा दिया गया बैंक क्रेडिट लेटर में स्पष्ट रूप से वर्ड और अमाउंट में अन्तर राशि का उल्लेख है,जिसे संवेदक अपने निविदा में ऑफ लोड किया था।लेकिन मुख्य अभियंता के द्वारा उक्त गलती को सीधे तौर पर नज़र अंदाज़ कर टेक्निकल पास कर दिया गया है।जो निविदा नियम प्रकिया का उल्लंघन माना जाता है। इसके बाद तीनों संवेदक का फाइनेंशियल खोला जाता है।जिस में चंदेल कंस्ट्रक्शन को एल वन हो गया है।अब अचम्भित करने वाली बात यह है कि एक संवेदक के लिए मुख्य अभियंता अपनी नौकरी को भी दांव पर लगा दिया है,या यूं कहा जा सकता है कि एक आदिवासी ठिकेदार को काम नहीं देने की साजिश के तहत चंदेल कंस्ट्रक्शन को टेक्निकल पास किया गया है।इस संबंध में दोनो विधायक न्यायिक जांच कराने के लिए आगे की करवाई करने जा रहे हैं,वही संवेदक भी अपना पक्ष रखा है।संवेदक matiyas मतियस तुबिद ने भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है। चाईबासा डिवीजन में टेंडर मैनेज का खेल आम है,मुख्य अभियंता ने हाल के दिनों में टोंटो प्रखण्ड के सड़कों के स्पेशल रिपेयर की एक निविदा में एक संवेदक को दबाव डाल कर निविदा से हट जाने,कार्य नही मिलने पर आपत्ति नहीं करने का लेटर तक लिखवाया गया है।इससे आप अनुमान लगा सकते हैं की सीएस अनुमोदन घोटाला या संवेदक चयन घोटाला किस तरह उद्योग धंधा का रूप ले लिया गया है।इसी तरह का खेल में पूर्व मुख्य अभियंता बिरंद्र राम आज ईडी के शिकंजे में हैं और जेल की हवा खा रहें हैं।ऐसा लगता है की जेएसआरडीए और ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता भी निकट समय में बिरेंद्र राम के साथ होंगें।वहीं जेएसआरआरडीए के ई निविदा 120/2023.2024 के एनआईटी में ग्रुप संख्या 01 की निविदा में संवेदक को किस बिना पर निविदा से हटाया गया है, यह बड़ा सवाल है।मेसर्स कलावती को एक टेंडर में डिस्क्लीफाई किया जाता है,वहीं उसी डिवीजन में के दूसरे निविदा में क्वालीफाई किया गया है।यह सब खेल जेएसआरआरडीए में खेला जा रहा है,यूं कहा जा सकता है कि ग्रामीण कार्य विभाग के दोनो मुख्य अभियंता भी बिरेंद्र राम के साथ रहने के लिए उन्हीं के रास्ते पर चल रहे हैं।

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