ग्राम सभा कांसकेल एवं आदिवासी समन्वय समिति के संयुक्त तत्वाधान में गुदड़ी प्रखंड कार्यालय के समक्ष दिया एक दिवसीय धरना प्रदर्शन
झारखण्ड अलग राज्य बनने के 23 साल के बाद भी गुदड़ी जैसे प्रखंड में मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पायीःबहादुर उरांव
चाईबासा। ग्राम सभा कांसकेल एवं आदिवासी समन्वय समिति के संयुक्त तत्वाधान में गुदड़ी प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन की गई।झारखंड आंदोलनकारी सह पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि झारखण्ड अलग राज्य बनने के 23 साल के बाद भी गुदड़ी जैसे प्रखंड में मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पायी।उदाहरण के तौर पर उन्होंने रतन कांडुलना का नाम लिया। विगत दिनों रतन कंडुलना लोढ़ाई से कामरोड़ा रोड बनाने को लेकर बहादुर उरांव जी के पास आए थे।और लौटने के क्रम में रोड एक्सीडेंट में जान गवां दिए।आंस के संयोजक सुशील बारला ने कहा कि ग्राम सभा कांसकेल के मांग पर मैं आज लोगों के मूलभूत सुविधाओं की 20 सूत्री मांगों को समर्थन देने के लिए आया हूं।मैं किसी पार्टी के बैनर तले अथवा वोट मांगने नहीं आया हूं।प्रखंड बनने के बाद भी ना ही प्रखंड विकास पदाधिकारी और ना ही यहां के अन्य अधिकारी प्रखंड कार्यालय में बैठते हैं।यहां ना ही कोई राष्ट्रीयकृत बैंक है और ना ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है।सभी काम के लिये सोनुवा ही जाना पड़ता है।वोट के समय में ऐसे युवाओं को वोट देकर लोकसभा और विधानसभा पहुंचाना चाहिए जो आपकी आवाजों को उचित पटल पर रख सके।ऐसे लोगों को भी पहचानने की जरुरत है जो ऐसी मीटिंग में आने के लिए मना करता हो। झारखंड पुनरुत्थान अभियान के मुख्य संयोजक श्री सन्नी सिंकु ने कहा कि आदिवासी समन्वय समिति के बैनर में जो चार फोटो चस्पा है। उनमें मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा,वीर बंटा सिद्धू कानू,वीर शहीद बिरसा मुंडा,वीर शहीद देवेंद्र मांझी का है।मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के बारे में उन्होंने बताया कि अगर मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा संविधान सभा के सदस्य नहीं होते तो आदिवासियों को रक्षण सिद्धांत के तहत
विधानसभा, लोकसभा, पढ़ाई एवं नौकरियों में आरक्षण प्राप्त नहीं होता।लोगों को उनके द्वारा किए गए कार्यों को भूलना नहीं चाहिए और सुनहरा झारखण्ड के सन्दर्भ में बताए हुए आदर्शों पर चलना चाहिए।कार्यक्रम में झारखण्ड पूनरुत्थान अभियान के जिला संयोजक अमृत माझी, झारखण्ड पार्टी के युवा जिलाध्यक्ष रेयांस सामड, श्री शैली शैलेन्द्र सिंकु,मनोहर लोमगा, बिरसा प्रकाश लोमगा,सोहराई लोमगा,मनी सोय,जयदीप लुगुन,मसीह प्रकाश लोमगा,नीरल लोमगा,शांतिऐल कंडायबुरु,बलदेव जाते,जीवन कंडायबुरु,सुनील भेंगरा, दर्जनों ग्राम मुंडा एवं हज़ारों ग्रामीण उपस्थित थे।