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ग्रामीण पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार, स्वनियोजित कर आत्मनिर्भर बनाने में राज्य सरकार की यह योजना काफी अहम : उपायुक्त

जमशेदपुर। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के सफल क्रियान्वयन एवं प्रगति की समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया । जिला स्तरीय समिति की बैठक में माननीय विधायक घाटशिला एवं जुगसलाई के प्रतिनिधि, जिला पशुपालन पदाधिकारी – सह – जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, डीपीएम जेएसएलपीएस मौजूद रहे।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने, ग्रामीण स्तर पर युवाओं को स्वनियोजित कर आत्मनिर्भर बनाने एवं उनके पलायन को रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार की यह योजना काफी अहम है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से गौ पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, बत्तख पालन को बढ़ावा दिया जा रहा। योजना के तहत किसानों/ पशुपालकों को 50 से 90 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा, इस योजना का लाभ किसानों के साथ साथ विधवा, दिव्यांग भी ले सकते हैं । बैठक में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत जिले में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पशुपालन प्रभाग से 1879 एवं गव्य प्रभाग से 352 कुल 2231 आवेदकों का चयन किया गया ।

बैठक में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अवयव और स्वरुप एवं क्रियान्वयन के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं, लाभुकों का चयन व योजना के लिए किये गये कार्यों पर चर्चा हुई। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने पदाधिकारियों को सख्त निर्देश किया कि योजना का लाभ पात्रता रखनेवाले योग्य लाभुकों को मिले इसका विशेष रूप से ध्यान रखें ताकि पारदर्शिता के साथ एवं सुचारु रुप से योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके । उन्होने स्पष्ट कहा कि लक्ष्य के अनुरुप उपलब्धि हासिल करें, एक भी सुयोग्य लाभुक लाभ लेने से वंचित नहीं रहें इसे सुनिश्चित करेंगे ।

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