उपायुक्त ने एमजीएम अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, महिला वार्ड में पुरूषों को बैठा देख लगाई कड़ी फटकार
जमशेदपुर। जिला उपायुक्त विजया जाधव देर शाम उप विकास आयुक्त प्रदीप प्रसाद, एमजीएम प्रशासक सह एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नन्दकिशोर लाल के साथ एमजीएम अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंची। निरीक्षण के क्रम में सबसे पहले जिला उपायुक्त ने इमरजेंसी वार्ड के निरीक्षण के क्रम में जमीन पर मरीजों को देख कर वार्ड के बाहर पार्किंग में केबिन बनाकर बेड लगाने की वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए ।
निरीक्षण के क्रम में उन्होने पीडियाट्रिक वार्ड, ग्यानोकोलॉजी, बर्न यूनिट, शिशु विभाग, महिला वार्ड, पुरुष वार्ड, लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर आदि का निरीक्षण कर उपलब्ध चिकित्सीय सुविधाओं का अवलोकन किया तथा मौके पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ एवं मरीजों से भी बातचीत कर अस्पताल में उन्हें दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली । स्ट्रेचर, ड्रेसिंग टेबल या अन्य संसाधन जिनका अभाव दिखा उसकी सूची बनाते हुए उपलब्ध कराने का निर्देश एमजीएम उपाधीक्षक को दिया गया ।
जिला उपायुक्त ने महिला वार्ड के निरीक्षण के क्रम में वार्ड में पुरूष अटेंडेंट को बैठा देख कड़ी फटकार लगाते हुए तत्काल बाहर जाने के निर्देश दिए। मौके पर उन्होने एमजीएम उपाधीक्षक को मरीज के साथ केवल एक अटेंडेट के लिए 4-5 दिनों तक का पास निर्गत करने के निर्देश दिए। एक मरीज के साथ 3-4 लोग वार्ड में बैठे पाये गए, जिसे देखते हुए उन्होने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होने स्पष्ट कहा कि कोल्हान प्रमंडल के तीन जिलों के मरीज इस अस्पताल में आते हैं ऐसे में मानव प्रबंधन बहुत जरूरी है, बेवजह किसी मरीज के साथ एक से ज्यादा अटेंडेंट अस्पताल नहीं आएं । साथ ही जो मरीज बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं तथा दूरदराज क्षेत्र से आने के कारण बेड नहीं छोड़ रहे उन्हें तत्काल रिलिज करने का निर्देश दिया गया ताकि जरूरतमंदों को बेड उपलब्ध कराया जा सके। जिला उपायुक्त ने कहा कि सीएचसी में भी अच्छी सुविधा उपलब्ध है, जिन्हें छोटी-मोटी समस्या हो उन मरीजों को सीएचसी में भी वापस जाकर जांच कराने को कहा। वैसे मरीज जो बगैर अटेंडेट के कई सालों से अस्पताल में पड़े हुए हैं उनका असेसमेंट कर ओल्ड एज होम या अनाथ आश्रमों में भेजे जाने की बात कही।
जिला उपायुक्त ने निरीक्षण के क्रम में अस्पताल परिसर में साफ-सफाई, शौचालय में दरवाजे जहां नहीं हैं या अन्य स्थानों पर जहां पंखा, बल्ब, ट्यूबलाईट की आवश्यकता दिखी उसे तत्काल बदलने के निर्देश दिए । अस्पताल परिसर में चल रहे निर्माण कार्य का भी जायजा लेते हुए जहां-जहां कमियां दिखी या कार्य की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई, संवेदक को उसे दुरूस्त कराने तथा कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल को इसके मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया । जिला उपायुक्त द्वारा आश्वस्त किया गया कि आने वाले दिनों में एमजीएम के स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार दिखेगी, शासन-प्रशासन के स्तर पर इसके लिए उचित पहल किए जा रहे हैं । मौके पर एमजीएम उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, टाटा लैंड डिपार्टमेंट के अमित कुमार तथा अन्य मौजूद रहे।