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ट्रांसफर- पोस्टिंग पर चुनाव आयोग का डंडा: अड़तालीस घंटे में अनियमितता दूर कर आयोग को अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करें सीएस- डीजीपी

Ranchi;झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह सचिव के रवि कुमार के संज्ञान में तबादला- पदस्थापना से संबंधित शिकायतें आने के बाद उन्होंने इसमें आवश्यक संशोधन कर दो दिनों के भीतर यानी 26 फरवरी के अपराह्न तीन बजे तक मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक के माध्यम से आयोग को अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है। उन्हें सूचना मिली है कि कई संसदीय क्षेत्र एक से अधिक जिलों को स्पर्श करता है और कई अधिकारी-पदाधिकारी किसी संसदीय क्षेत्र के एक जिला में तीन वर्ष या उससे अधिक समय तक काम कर पुनः उसी संसदीय क्षेत्र के पड़ोसी जिले में स्थानांतरित हो गए हैं।तबादला के नाम पर जिला तो बदल गया पर संसदीय क्षेत्र नहीं बदला। इस फंडा पर चुनाव आयोग का पुनः आज डंडा चला है,जिससे पूरे सूबे में खलबली मच गई है।
मालूम हो कि डीसी,एसपी,डीएसपी,एसडीएम,एडीएम के बाद सबसे अधिक चर्चित ट्रांसफर-पोस्टिंग पुलिस में शामिल दरोगा-इंस्पेक्टर को माना जाता है। सही मायने में चुनाव आयोग के आदेश निर्देश का इसमें खूब मैनिपुलेशन हुआ है। पॉपुलर से शंटिंग यानी जिला से एंटी टेररिज्म स्कुऐड, जगुआर,एसीबी,विशेष शाखा,सीआईडी,एसआईबी आदि में वैसे पुलिस वालों को शंट किया गया जिनके पास पैरवी या पैसे नहीं थे। ठीक इसके उलट चुनाव कार्य के दक्षहीन लोगों को जंग के मैदान उतार दिया गया जो चुनाव बाद जिलों में मौज करेंगे। पैसा बोलता है। कहते तो हैं फैसला बोर्ड का है,पर बड़े पैमाने पर पैसों के खेल की सूचना है।
झारखंड को उग्रवादियों के प्रभाव के हिसाब से ग्रेड A, ग्रेड B, ग्रेड C और ग्रेड D में बांटा गया है। लेकिन इसमें खूब अनदेखी हुई है। जिसकी पहुँच थी वो मनोनुकूल जिले में गया। जो पहले उग्रवादी क्षेत्रों में काम कर चुका है उसे पुनः वहीं धकेल दिया गया।पीड़ित लोग न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं और इसकारण चुनाव आयोग अपना डंडा चला रहा है।

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