आवारा पशुओं से किसान परेशान,पिछड़ रही खेती
सरकार के आदेश का नहीं हुआ असर, आवारा पशुओं की समस्या वहीं की वहीं, किसान परेशान।
प्रयागराज । यमुनापार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आवारा पशुओं द्वारा किसानों की खेती के नुकसान को लेकर चिंतित हैं। इसके बाद भी किसानों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है। बाजरा की फसल कटने के बाद किसान अपने खेतों में सरसो और गेंहू आदि फसलों बोया गया है। इसके साथ ही आवारा पशुओं को लेकर भी परेशान है। अभी भी पशु खेतों में घूमते हुए नजर आ रहे हैं। इसलिए किसानों का नुकसान है।यमुनापार ग्रामीण इलाकों के सबसे ज्यादा तरहार किसानों को आस थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का पालन होगा और उन्हें इन आवारा पशुओं से निजात मिल जाएगी। योगी सरकार के वर्ष बीत जाने के बाद भी आवारा पशु खुलेआम घूमते हुए नजर आ रहे हैं। सरकार ने प्रदेश के हर जनपद के डीएम को निर्देश दिया है कि आवारा पशुओं के लिए गौ आश्रय घर बनाए जाएं। जमीनी स्तर पर देखा जाए तो सरकार का आवारा पशुओं से निजात दिलाने का वादा खोखला ही नजर आ रहा है। सरकार ने इस योजना पर कई करोड़ रुपये खर्च कर दिए। जनपद में आधा दर्जन से ज्यादा मिनी गौशाला बनाई तो गई लेकिन खानापूर्ति के लिए।आपको बता दे कि शंकरगढ़ ब्लॉक में और जसरा ब्लॉक में गौ आश्रय है। इसके बाद भी आवारा पशु खेतों और गाँव में खुलेआम घूमते हुए दिख जाएंगे। जब हमने गौ आश्रय में जाकर देखा तो गायों की बत्तर स्थिति मिली। आधा दर्जन गाय भूख से तड़पती मिलीं। समय से उन्हें कोई चारा भी डालने वाला नहीं मिला।ब्लॉकों के गौ आश्रयों की स्थिति ऐसी ही है। पूरे जनपद में सभी आश्रय घरों में 100 भी गायें नहीं है। आज भी सैकड़ों की तादात में गाँव-गाँव में आपको आवारा पशु झुंड के झुंड बनाकर खेतों में घूमते हुए दिख जाएंगे। गनीमत है कि अभी खेत ज्यादा तर खाली है।किसान योगी सरकार में आवारा पशुओं से काफी परेशान है। वही किसान लाल बाबू मिश्र का कहना है कि ये आवारा पशु झुंड के झुंड बनाकर खेत में घुस आते है और बहुत नुकसान करते हैं।तरहार के स्थानीय किसान ने कहा कि आवारा पशु खेतों में भारी नुकसान करते है और हमारी कोई भी अधिकारी सुनने वाला नहीं है। इन आवारा पशुओं से तंग आकर खेत के चारों ओर हजारों रुपये खर्च करके तार लगवा दिए हैं। उसके बाद भी ये आवारा गौवंश खेतों को उजाड़ देते हैं। रखवाली करने के लिए किसान अपने स्कूल जाने वाले मासूम बच्चे और वो स्वयं खेतों पर रात भर जागकर फसलों की रखवाली करते थे, तब भी अपनी फसलों को इन महाराजों से नही बचा पा रहे है।