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आखरी सोमवारी को शहर के शिवालयों में उमड़ी शिव भक्तों की भीड़

जमशेदपुर। सावन माह भगवान शिव की पूजा-अर्चना को समर्पित होता है। सोमवार के दिन लोग विशेष रूप से भगवान शिव का व्रत रखते हैं और पूजन करते हैं। इसलिए सावन के सोमवार पर शिव पूजन के लिए महत्व और भी बढ़ जाता है। सोमवार को सावन माह का आखिर सोमवार के दिन शहर के विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। शिव मंदिर में सावन की पूजा-अर्चना के बाद शिवचर्चा और जागरण का भी आयोजन किया गया था। इस अवसर पर बालिगुमा के नेहा फ्लैट में जागरण का आयोजन किया गया। जागरण समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। मान्यता है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव का पूजन करने और इस दिन व्रत रखने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। सावन के आखिरी सोमवार पर शंकर जी के पूजन के मुहूर्त और विधान के बारे में पंचांग के अनुसार सावन का महीना इस साल 22 अगस्त को समाप्त हो रहा है। सावन का आखिरी सोमवार 16 अगस्त को समाप्त हो गया । इस दिन सावन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पड़ थी। सावन के आखिरी सोमवार पर व्रत और पूजन करने से भगवान शिव अवश्य प्रसन्न होते हैं।
पूजन की विधि
सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव का पूजन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्ति हो कर सबसे पहले शिवलिंग को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद शंकर जी को उनके प्रिय पदार्थ बेल पत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प चढ़ाया जाता है। सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव का दूध, दही, घी,शहद और गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए। इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से फलदायी होता है। भगवान शिव का पूजन कर फलाहार व्रत का संकल्प लेना चाहिए। रात्रि में भगवान शिव की आरती तथा उनके दिव्य स्तोत्रों का पाठ कर स्तुति किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम में आशा देवी, प्रिती देवी, विशाल पांडेय, विकास, सचिन राय समेत अन्य लोग शामिल थे।

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