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क्या चोरी के संदेह में पकड़ी गई महिलाओं को निर्वस्त्र कर पीटना सामान्य बात है?: रालोजपा


बिहार पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ श्रीमती डॉ. स्मिता शर्मा एवं प्रदेश संगठन सचिव सह प्रदेश मीडिया प्रभारी महिला प्रकोष्ठ श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकार बंधुओं से बातचीत में कहा कि मणिपुर की घटना कहीं अधिक भयावह और विचलित करने वाली है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि देश के अन्य हिस्सों में महिलाओं के साथ यौन हिंसा और उत्पीड़न की जो शर्मसार करने वाली घटनाएं हो रही है, उनकी अनदेखी कर दी जाए या फिर यह प्रदर्शित किया जाए कि ऐसा तो होता ही रहता है। बीते दिनों बंगाल के मालदा में दो महिलाओं के कपड़े फाड़कर अर्धनग्न अवस्था में उनकी सर्वजनिक रूप से पिटाई की गई। उन पर चोरी का संदेह था। क्या चोरी के संदेह में पकड़ी गई महिलाओं को निर्वस्त्र कर पीटना सामान्य बात है? क्या सभ्य समाज को यह शोभा देता है? श्रीमती शर्मा ने आगे कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं के साथ यौन हिंसा की वीभत्स घटना के बाद महिला उत्पीड़न की अन्य शर्मनाक घटनाओं को लेकर विभिन्न दल एक-दूसरे पर जिस तरह आरोप उछाल रहे हैं, वह सस्ती राजनीति और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर बरती जानी वाली संवेदनहीनता ही है। राजनीति के इसी रवैए के कारण महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर प्रभावी लगाम नहीं लग पा रही है। आगे श्रीमती सिन्हा ने कहा कि निश्चित रूप से नारी विरोधी अपराधों के मामले में बात किसी राज्य विशेष की नहीं है। देश के हर हिस्से में उनके साथ अत्याचार होता रहता है और कई बार तो इतना भयानक कि देश को लज्जित होना पड़ता है, लेकिन राजनीतिक दल, अनेक बुद्धिजीवी और यहां तक की देश-विदेश के मीडिया का एक हिस्सा भी अपना आक्रोश यह देखकर व्यक्त करता है की घटना किसी एक दल के शासन में हुई है? किसी हिसाब से उनकी संवेदना जागती है। यह निकृष्ट कोटी की संकीर्णता है। आपसी संघर्ष और राजनीतिक -सामाजिक वैमनस्य के चलते महिलाओं का यौन उत्पीड़न दुनियाभर में होता है, लेकिन अपने देश में राजनीतिक क्षुद्रतावश उनके मामले में बड़ी बेशर्मी के साथ दोहरा मापदंड अपनाया जाता है।

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