हेमंत सोरेन अपने सही काम को छोड़ कर सिर्फ समाज को भ्रमित करने का काम कर रही है।
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जमशेदपुर; झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर युवा समाजसेवी मुकेश सिंह ने नाराजगी जताई है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके कार्यो को याद दिलवाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का कार्य राज्य में अराजकता को खत्म करना है ना कि उसको बढ़ावा देना ।झारखंड राज्य सभी का है और हेमंत सोरेन जिस तरह की बयान बाजी कर रहे है वो सिर्फ और सिर्फ अपनी नाकामी को छुपाने के एक छोटा सा एक रास्ता है पहले उन्होंने जेएसससी की परीक्षा से हिंदी इंग्लिश और संस्कृति को हटाया उसके बाद उन्होंने विधानसभा मे नमाज़ कक्ष आवंटित किया फिर उन्होंने भोजपुरी भाषी और मगही भाषी पर गलत आरोप लगाया। इससे यह साफ सिद्ध होता है कि हेमंत सोरेन से विकास का काम हो नही पा रहा है और वो अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस तरह के बयान दे कर लोगो को भृमित करने की कोशिश कर रहे है लेकिन इससे झारखंड वासियो पर इनकी बात का कोई खास असर हो नही पा रहा है चाहे वो खुद आदिवासी हो या किसी और जात का सबके सब हेमंत सोरेन के फैसले के खिलाफ है क्योंकि 2000 में जब झारखंड बना तब इस राज्य को बनाने में सभी धर्म और सभी झारखंड वासियो का सहयोग रहा है चाहे वो बिहारी हो या आदिवासी या फिर किसी और जाति का सबने मिल कर झारखंड को बनाने में सहयोग किया है और सबसे बड़ी बात बिहार से झारखंड बना है ना कि झारखंड से बिहार तो इस तरह की राजनीतिक हेमबत सोरेन न ही करे तो अच्छा है वरना झारखंड के लोग आने वाले चुनाव में उनको उनकी सही जगह बता भी देंगे और वहां भेज भी देंगे मुकेश सिंह ने कहा कि हेमंत सोरेन एक मुख्यमंत्री है पूरी जनता उनकी है उनको सबको साथ लेकर चलना चाहिए लेकिन वो बेचारे रास्ता भटक गए है और वो जल्द ही रास्ते मे आ कर भोजपुरी और मगही भाषी से माफी नही मांगे तो आने वाला चुनाव में शायद वह विधानसभा के बाहर बैठ कर झाल बजवायेगी झारखंड की जनता।