हिंदी दिवस पर अरविंद विद्रोही हुए सम्मानित
जमशेदपुर: गोलमुरी स्थित सिंहभूम जिला भोजपुरी साहित्य परिषद के भवन में अंतर्राष्ट्रीय मानवता अधिकार एवं मीडिया संगठन के जिला अध्यक्ष एसआरके कमलेश की ओर से राष्ट्रीय हिंदी दिवस के मौके पर शहर के चर्चित हिंदी और भोजपुरी के साहित्यकार, व्यंग्यकार अरविंद विद्रोही को अंग वस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अरविंद विद्रोही ने अपने संबोधन में कहा , आपने हिंदी दिवस के अवसर पर मुझे सम्मानित किया , संस्था के अध्यक्ष एसआरके कमलेश को बधाई देता हूं। यहां तक हिंदी और भोजपुरी का सवाल है क्योंकि आप भोजपुरी भवन में मुझे यह सम्मान दे रहे हैं। इसलिए मेरा यह दायित्व बनता है कि हिंदी दिवस के अवसर पर भोजपुरी का हिंदी से क्या संबंध है. इस को रेखांकित करना चाहता हूं हिंदी राष्ट्रीय भाषा है लेकिन और मजबूत कब होगी स्थानीय भाषा को हिंदी में समृद्ध किया जाए , बहुत से लोग इस बात को कहते हैं और उनका तर्क है भोजपुरी को आठवीं सूची में शामिल करने से हिंदी कमजोर होगी यह धारणा गलत है . क्योंकि भोजपुरी में उन तमाम शर्तों को पूरी कर रही है। किसी भी साहित्य को आठवीं सूची में शामिल करने का जो सच है उसको भोजपुरी पूरा करती है। हमारा कहानी, हमारा व्याकरण, हमारा शोध ग्रंथ, हमारा नाटक, यात्रा स्मरण, महाकाव्य और और जितनी विधाएं हैं साहित्य की भोजपुरी में उसका भंडार है। राष्ट्रीय आंदोलन में भोजपुरी ने अभूतपूर्व काम किया भोजपुरी के गायकों ने , भोजपुरी के कवियों ने जनचेतना जगाने का जो काम किया है । जिसका प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर पड़ा आजादी के इतने वर्षों बाद भी भोजपुरी उपेक्षा के शिकार क्यों ? यह सवाल हमें करना ही पड़ता है। व्यवस्था से सरकार में बैठे हुए लोगों से आग्रह है जल्द से जल्द भोजपुरी को संविधान के अष्टम सूची में शामिल करें। भोजपुरी की लोकप्रियता केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी है। मॉरीशस में तो भोजपुरी को सेकंड लैंग्वेज का स्थान दिया है। नेपाल में भी भोजपुरी को सेकंड भाषा का स्थान दिया है। मौके पर अशोक कुमार साहू उपस्थिति थे।