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हमारे मौत पर जस्न मानने वाले यू सी सी ला रहे हैं. होशियार : बाबर खान

जमशेदपुर । आल इंडिया माइनॉरिटी सोसल वेलफेयर फ्रंट के केंद्रीय महासचिव बाबर खान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि एक देश में एक कानून की बात करने वाले ये सार्वजनिक करें। क्या लव जिहाद और मुसलमानों का मोबलिंचिंग बंद होगा ? कब कानून बनेगा इस अपराध पर।
क्यूकि मुस्लिम लड़का हिंदु से शादी करे तो लव जिहाद बोल कर घर में बोल्डोजर की सज़ा और अगर हिंदु लड़का मुस्लिम से शादी करे तो क्या नाम दोगे। घर वापसी। बाबर खान ने कहा एक देश में एक कानून की बात हो तो आई पी सी में बराबर की धारा(एक्ट) हो।
लेकिन एक धर्म को कभी तीन तलाक, हिजाब, अज़ान, बोलडोजार जैसे मामले लाकर एक धर्म के लोगों को डराया जा रहा है।
बाबर खान ने कहा मोबलिंचिग करने वाले पर कानून कब आयेगा। हमारा प्यारा इस्लाम धर्म इज्जत और तमीज़ से जीना सिखाता है। देश से प्यार करना सिखाता है।
इस्लामी शरीयत बहुत शक्ति साली है और प्यार है। जिसे कमज़ोर करने की साजिश रची गई है। जब के इस्लाम धर्म को ताकत हमारे पैगंबर से मिली है। हम हर चीज से समझौता कर सकते हैं,लेकिन अपने इमान से समझौता नहीं कर सकते। हमारा इमान हमें सिखाता है कि हमें मायूस नहीं होना चाहिए।
बाबर खान ने कहा कि हमें भाजपा और आर एस एस के ऐक्शन प्लान पर नहीं चलना है। हमें भाई चारा बड़ाना होगा। बाबर खान ने कहा कि यू सी सी लाने वाले लोग मुल्क से गद्दारी कर रहे हैं। और इस्लाम धर्म से नफरत कर रहे हैं। ये लोग विवाद पैदा कर आपसी भाईचारे को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। जिमेदार भारतीयों को होशियार रहने की जरूरत है।
बाबर खान ने कहा यू सी सी आया तो आर्टिकल 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता का उल्हंगन होगा।
बाबर खान ने कहा जानकार बताते हैं कि 23 नवंबर 1948 को संविधान सभा से कॉमन सिविल कोड यानी आर्टिकल 44 पास हुआ था। अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि शादी-विवाह की उम्र सबकी एक समान होनी चाहिए, हिंदू हो या मुसलमान, पारसी हो या ईसाई।
तो फिर आज इस पर भाजपा किया हासिल करना चाहती है स्पष्ट करे। बाबर खान ने कहा मुस्लिम समुदाय को कोई आपत्ति नहीं है आर्टिकल 44 से। भारत देश में मुस्लिम बच्चियों की शादी 18,20 साल की उमर से सुरु होती है। इस में इतना डंका पीटने की किया जरूरत है भाजपा को। 9 वर्ष में कोई भी इस्लामी भाई अपनी बच्ची या बहन की शादी इस ज़माने में नहीं करता है। अगर किया है तो भाजपा अंकड़ा बताए। संपत्ति का विवाद भी इस्लाम धर्म में नहीं के बराबर है। इक्का-दुक्का छोड़कर। चार शादी शरीयत का हिस्सा है। जो जरूरत पर किया जाता है। पाप से बचने के लिए जो भाजपा को पसंद नहीं है। बाबर खान ने कहा शरीयत को बहाई से जोड़ने का नाम यूनिफार्म सिविल कोड।

ऐसे में सरकार अगर समान नागरिक संहिता की तरह बढ़ती है तो उसे पहले सब का भरोसा जितना होगा। जल्द बाजी में लाया गया तो नुक्सान सब का होगा।

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