सुखमती सोय का गृहणी से व्यवसायी का सफर
मशरूम की खेती ने बदली सुखमती की पहचान, शहर की कई कंपनियों में करती हैं मशरूम की सप्लाई
ईसिता उर्जा महिला समूह से जुड़ीं सुखमती को पिछले 2-3 महीनों में मशरूम से 60 हजार का मुनाफा हुआ, पूरे समूह को 3-4 लाख रूपए की हुई आमदनी
जमशेदपुर। सदर प्रखंड अंतर्गत मध्य हलुदबनी पंचायत के हलुदबनी गांव की रहने वाली महिला कृषक सुखमती सोय ने अपनी सफलता से अपने परिवार की दशा तो बदल ही है, साथ ही अनेक महिलाओं के लिए तरक्की का एक नया मार्ग भी खोला है । उनकी कहानी एक महिला के आत्मविश्वास, उसके जज्बे और काम के प्रति समर्पण की कहानी है। गृहणी से व्यवसायी के सफर में आज वह मशरूम उत्पादन में नई ऊंचाइयां छू ही रही हैं । श्रीमति सोय, मैट्रिक पास हैं, पूर्व में घर का कामकाज किया करती थी वहीं उद्यान प्रभाग द्वारा मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण एवं मशरूम उत्पादन कीट प्राप्त कर मशरूम का उत्पादन करना शुरू कर अपने लिए नई राह बनाने में सफल हुई हैं।
सुखमती सोय गैर सरकारी संस्था के सहयोग से गठित ईसिता उर्जा महिला समूह की सक्रिय सदस्य हैं। समूह में कुल 12 महिलाएं जो बैंक से लोन एवं CSR के मदद से मुर्गी पालन एवं सब्जीयों की खेती करती हैं। जिला उद्यान पदाधिकारी श्री मिथिलेश कालिंदी बताते हैं कि उक्त महिला समूह की सक्रियता एवं उत्साह को देखते हुए उद्यान विकास योजनांर्गत मशरूम उत्पादन की योजना के तहत ईसिता उर्जा महिला समूह की महिलाओं को पांच दिवसीय प्रशिक्षण उद्यान प्रभाग की ओर से दिया गया साथ ही आर्थिक पूंजी के रूप में मशरूम उत्पादन हेतु प्रति कृषक 30 बैग तैयार कर उनके ग्राम में उपलब्ध कराया गया। प्रशिक्षण देने में टी.आर.सी.एस.सी संस्था का सहयोग मिला।
शहर में ही मिला मशरूम के लिए बाजार, मशरूम की अच्छी डिमांड ने बढ़ाया हौसला
सुखमति सोय उत्पादित मशरूम को परसुडीह बजार, टाटा कामिंस, टाटा पावर के कैंटीन एवं कर्मचारियों को विक्रय करती है। सुखमती बताती हैं कि उत्पाद विक्रय कर लगभग 50-60 हजार रूपये व्यक्तिगत रूप से आमदनी दो से तीन माह में प्राप्त हुई है, इस प्रकार समूह की महिलाओं को लगभग 3-4 लाख रूपये आमदनी हुई है। श्रीमति सोय CSR के सहयोग से एक दुकान भी चलाती है वहां से भी मशरूम का विक्रय करती हैं।
तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात् उद्यान प्रभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये मशरूम कीट से उत्पादित मशरूम के विक्रय से प्राप्त राशि को सुखमती ने कियाशील पूंजी के रूप में उपयोग कर पुनः मशरूम उत्पादन के लिए स्वयं एवं समूह की महिलाओं के साथ मिलकर बैग तैयार कर मशरूम उत्पादन कर रही हैं। समूह की महिला उत्पादित मशरूम से आचार एवं अन्य मशरूम अधारित उत्पाद तैयार करने के लिए अग्रसर हैं। श्रीमति सोय मशरूम उत्पादन एवं उद्यान प्रभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी अन्य महिलाओं को भी जागरूक कर रही हैं। 150-200 रूपये प्रति किलों की दर से ओयस्टर मशरूम विकय कर रही है। उत्पाद सहज रूप से विक्रय हो जाने से संस्था की महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। समूह की अन्य महिला भी इस योजना का लाभ लेकर आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रही है।