सीजीपीसी ने रोष मार्च निकाल चेताया सिख विरोधी फैसले न ले सरकार
सरकार भारत को भारत ही रहने दे धर्म के नाम पर न बाटें: भगवान सिंह
जमशेदपुर। सीजीपीसी के नेतृत्व में जमशेदपुर की संगत और अन्य जत्थेबंदियों ने रोष मार्च निकाल कर केंद्र सरकार को चेताया की सिखों के मामलों में दखलंदाजी बंद करे और सिख विरोधी फैसले न ले। शनिवार को सरदार भगवान सिंह के नेतृत्व में स्त्री सत्संग सभा, सेंट्रल सिख नौजवान सभा और तमाम जत्थेबंदियों के रोष मार्च में शामिल होकर सरकार के फैसले पर कड़ा विरोध जताया।
जमशेदपुर के सिख तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ गुरुद्वारा मैनेजमेंट बोर्ड में सिख संगठनों के सदस्यों की संख्या कम करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी कार्यालय से सतनाम-वाहेगुरु का जाप करते हुए सर पर विरोध की प्रतिक काली पट्टी धारण कर रोष मार्च उपायुक्त के कार्यालय पंहुचा जहाँ उपायुक्त की अनुपस्थिति में डीआरडीए की निदेशक ज्योत्सना सिंह को एक ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन सौंपने के बाद सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान सरदार भगवान सिंह, चेयरमैन सरदार शैलेंदर सिंह, गुरमीत सिंह तोते, गुरचरण सिंह बिल्ला सहित सैकड़ों विभिन्न गुरुद्वारा के प्रतिनिधियों ने सरकार के इस फैसले पर जमकर विरोध प्रकट किया।
सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की यह कार्रवाई अत्यंत निंदनीय और सिखों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली है जिसका सीजीपीसी कड़ा विरोध करेगी और यदि जरुरत पड़ी तो महाराष्ट्र जाकर धरना प्रदर्शन करेगी। भगवान सिंह ने कहा मौजूदा केंद्र सरकार धर्म के नाम पर राजनीति करना चाहती है जो सिखों को कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भारत को भारत ही रहने दिया जाये इसे धर्म के नाम पर न बांटा जाये। चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ प्रबंधन बोर्ड के अधिनियम में मनमाने ढंग से संशोधन किया गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नामित सदस्यों की संख्या कम कर दी गई है। महाराष्ट्र सरकार की जुल्म को सहन नहीं किया जाएगा।
गुरमीत सिंह तोते और गुरचरण सिंह बिल्ला ने भी कड़े शब्दों में सिख विरोधी फैसले की निंदा करते हुए कहा कि सिख पंथ किसी भी कीमत पर अपने पवित्र तीर्थ स्थलों की व्यवस्था में सरकारी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने तख्त श्री हजूर साहिब प्रबंधक बोर्ड (नांदेड) अधिनियम में संशोधन करते बायर इसमें मनोनीत सदस्यों की संख्या में इजाफा कर दिया है। वहीं प्रबंधकीय बोर्ड में एसजीपीसी के चार सदस्यों से संख्या घटाकर दो कर दी गई है। संशोधित विधेयक के अनुसार मौजूदा बोर्ड में कुल सदस्यों की संख्या 17 होगी। इनमें 12 सदस्य सरकार मनोनीत करेगी। वहीं दो सदस्य एसजीपीसी से मनोनीत होंगे। शेष तीन सदस्यों का चयन चुनाव प्रक्रिया से होगा। पहले सरकार से मनोनीत होने वाले सदस्यों की संख्या सात थी।
प्रधान भगवान सिंह, चेयरपर्सन शैलेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह, अमरजीत सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, नरेंद्रपाल सिंह भाटिया, निशांन सिंह, चंचल सिंह, ज्ञानी कुलदीप सिंह शेरगिल, परमजीत सिंह काले, गुरनाम सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नू, परविंदर सिंह सोहल, लखविंदर सिंह, इंद्रजीत सिंह, पतवंत सिंह, गुरचरण सिंह टीटू, जसवीर सिंह, बलविंदर सिंह, हीरा सिंह कलसी, दलबीर सिंह, गुरचरण सिंह, रविंद्र सिंह, बलबीर सिंह, रणजीत सिंह माथारू, अमरजीत सिंह गांधी, हरदीप सिंह भाटिया, बलदेव सिंह, सुरजीत सिंह खुशीपुर, हरमिंदर सिंह मिंदी, कमलजीत सिंह, प्रकाश सिंह, हरजिंदर सिंह, सुखदेव सिंह बिट्टू, अमरीक सिंह, सत्येंद्रपाल सिंह, गुरजीत सिंह पिंटू, अविनाश सिंह, सुखदेव सिंह पनेसर, सतपाल सिंह, गुरदीप सिंह लाडी, जगदीप सिंह, परमजीत सिंह विक्की, सरबजीत सिंह, हरविंदर सिंह गोलू, सुखवंत सिंह, जसवंत सिंह, कुलदीप सिंह ज्ञानी, सतपाल सिंह घूमन, रविंदर कौर, कमलजीत कौर, दलबीर कौर, पलविंदर कौर, कमलजीत कौर गिल, सुखवंत कौर, परमजीत कौर एवं सभी गुरुद्वारा कमेटियाँ, सेंट्रल नौजवान सभा, सेंट्रल स्त्री सत्संग सभा, अकाली दल जमशेदपुर एवं अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि सैकड़ो की संख्या में शामिल हुए।