सभी भक्त जानते है कि भगवान भोलेनाथ भांग और गांजे का नशा करते है ऐसा नहीं है भोलेनाथ तो सिर्फ राम नाम का नशा करते है : पंडित पवन कृष्ण गौतम
जमशेदपुर। गुरुवार को भागवत कथा का तीसरा दिन अखंड नायक ब्रह्माण्ड के रचयिता महादेव के कथा सुनाते हुए कथावाचक पंडित पवन कृष्ण गौतम ने कहा कि भगवान भोलेशंकर के बारे में तरह तरह के लोग चर्चा करते है इसका विरोध करना चाहिए , कोई गलत प्रचार करे कि शिव नशा करते थे उसका विरोध करना चाहिए क्योंकि भगवान भोले शंकर कभी गांजा या भांग का नशा नहीं करते है कही भी नहीं देखा गया है किसी धर्म भागवत कथा में नहीं लिखा है किसी धर्म ग्रंथ में नहीं लिखा है कि भगवान शिव गंजा और भांग का नशा करते है बल्कि भगवान शिव तो सिर्फ राम नाम का नशा करते है कृष्ण नाम का नशा करते है और और वही उनकी भक्ति उन्हें महान बनाता है उनकी कथा ऐसी है कि सभी अमृत पीने वाले देव कहलाए लेकिन भगवान शिव तो अमृत वाले लाइन में नहीं बल्कि विष वाले लाइन में चले गए और पूरा विष पीकर देव से भी ऊपर महादेव कहलाने लगे ।
कथावाचक ने कहा कि भगवान का नाम लेते ही मोक्ष की प्राप्त हो जाती है , राजा उतनपाद की कथा सुनाए उनके बृहद कथा सुनाए कथावाचक द्वारा कराया गया भागवत कथा का रसपान से पूरा क्षेत्र भक्ति में लिन हो गया ।
कथा के अंत में वामन भगवान का अवतार हुए उनकी झांकी निकाली गई उनकी कथा का विस्तार से सुनाया गया , पंडित ने कहा कि उस माता से ज्यादा भाग्यशाली कोई नहीं जिसका पुत्र भगवान का भक्ति करता हो कहने का तात्पर्य यह नहीं कि भगवान के भक्ति में ऐसा लिन नहीं हो जाए कि घर छोड़ दे संन्यासी बन जाए संन्यासी होना भक्ति नहीं है भक्ति तो प्रभु का भजन करे उसका रसपान करे वही भक्ति है संत बनिए संन्यासी नहीं सन्यासी बनना आसान भी नहीं है क्योंकि संन्यासी बनना बड़ी मुश्किल काम है
अमृत है हरि नाम जगत में इस छोड़ के दूसरे विषय को पीना क्या हरि नाम नहीं तो जीना क्या ।
कथा में आज मुख्य यजमान के रूप में अप्पू तिवारी, श्वेता तिवारी, चिंटू सिंह, प्रमोद सिंह, कविता सिंह ,ममता सिंह कथा श्रवण किया ।