श्रद्धा, भाव व भक्ति से श्रद्धालुओं ने किया महागौरी की पूजा-अर्चना
रौशन कु पांडेय
जमशेदपुर. डिमना रोड स्थित एनएच -33 के समीप बालीगुमा बस्ति में श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति द्वारा बुधवार को महाष्टमी की पूजा की गयी. पूजा पंडाल में पूजा समिति के सभी वोलेंटियर मास्क पहन रखे थे. पूजा पंडाल में पूजा करने या रहे सभी श्रद्धालुओं को भी मास्क पहने के लिए बोला जा रहा था. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा का आठवां स्वरूप मां महगौरी का होता है. मान्यता है कि जो भक्त पूरे नौ दिन का उपवास नहीं रख सकते है, उन्हें प्रथम और आठवां व्रत रखने से ही उन्हें फल की प्राप्ति हो जाती है. इस दिन कई घरों में माता को श्रृंगार चढ़ाया जाता है और कन्या पूजा भी की जाती है. मां महागौरी के स्वरूप को अन्नपूर्णा, ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी भी कहा जाता है. इनकी चार भुजाएं हैं. उनके ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा है और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है. मां ने ऊपर वाले बांए हाथ में डमरू धारण किया हुआ है और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा है. मां का वाहन वृषभ है इसीलिए उन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां सिंह की सवारी भी करती हैं.
महागौरी की कथा-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती महज आठ साल की थी जब उन्होंने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी. तपस्या इतना कठोर थी कि उनका पूरा शरीर काला पड़ गया था. इस तपस्या को देखकर भगवान शिव प्रसन्न होकर उन्हें स्वीकार किया. इसके बाद भगवान शिव ने पार्वती को गंगाजल से स्नान करने को कहा. जिसके बाद उनका रंग स्वेत में बदल गया. तभी से इनका नाम महागौरी के नाम से विख्यात हो गया.
अष्टमी तिथि- 12 अक्टूबर (मंगलवार) की रात 09 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ होकर 13 अक्टूबर 2021, बुधवार की रात 08 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगा. अष्टमी का पूजन 13 अक्टूबर बुधवार को पूजा हुआ. इस मौके पर पूजा कमेटी के सदस्य राजेश सिंह, हरिकेश सिंह, राहुल सिंह, रंजन कुमार, दिलीप झा आदि सदस्य गण शामिल थे.