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राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का संचालन एक बहुत ही खतरनाक उद्देश की ओर इशारा कर रहा है : लक्ष्मी सिन्हा


बिहार पटना सिटी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव महिला प्रकोष्ठ श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने बातचीत में कहा कि बिहार के विभिन्न हिस्सों में ये लोग समाजिक संगठन की आड़ में जिस तरह समाज में नफरत और मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, उसे हल्के में कतई नहीं लिया जा सकता है।

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीआइपी)और पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (बीएफआइ) की आड़ में राष्ट्र विरोधी गतिविधि का संचालन एक बहुत ही खतरनाक उपदेश की ओर इशारा कर रहा है, श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि जिसकी पड़ताल गंभीरता से करते हुए ऐसे सफेदपोशों के चेहरे से नकाब हटाने की जरूरत है। इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने की जरूरत है, क्योंकि यह देश की अस्मिता और सुरक्षा से जुड़ा सवाल है। बिहार के विभिन्न हिस्सों में ये लोग सामाजिक संगठन की आड़ में जिस तरह अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए समाज में नफरत और मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे थे।

उसे हल्के में कतई नहीं दिया जा सकता है। श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि आश्चर्य यह है कि इतने दिनों से ये सक्रिय थे, पर इसके बारे में स्थानीय प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। करवाई तब हुई, जब इंटेलिजेंस ब्यूरो ने इनकी कार्यशैली और मिशन के बारे में सचेत किया। जब करवाई शुरू हुई और इन संगठनों के सदस्य पकड़े गए हैं तो चमकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसमें देश के संविधान और यहां की संप्रभुता से खिलवाड़ का बहुत बड़ा षड़यंत्र सामने आया है। यह और भी गंभीर मुद्दा है की इसके सदस्य स्वयं को समाज के हितैषी के रूप में प्रचारित करते हुए जगहों पर काम कर रहे है

जिसमें बिजनेस करने वाले भी हैं और शिक्षक के रूप में पढ़ाने वाले भी, जिनका उद्देश्य बहुत ही घृणित है। श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि लखनऊ से नूरुद्दीन की गिरफ्तारी से अब यह बात भी सामने आ गई कि उसके पास संगठन के सदस्यों को न्यायिक सहायता पहुंचाने का दायित्व था और वह स्वयं इस संगठन का सदस्य है। अभी छोटे स्तर के आरोपित पकड़े गए हैं। ये बिहार में एक बडां नेटवर्क बताते हुए यहां से देश के अन्य हिस्सों में अपनी गतिविधि संचालित करने की प्रयास में थे। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि इसके पीछे के बड़े चेहरे कौन हैं? उन्हें सामने लाने की आवश्यकता है। समाज के लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है कि भारत के यह दुश्मन यहां के सद्भाव और यहां की संप्रभुता की ओर आंख उठाकर भी नहीं देख सके।

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