राज्यपाल रमेश बैस 28 सितंबर को करेंगे जनजातीय संग्रहालय का उद्घाटन, वेबसाइट पर होगा लाइव प्रसारण
रौशन कु पांडेय
जमशेदपुर. कोल्हान विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में नवनिर्मित जनजातीय क्षेत्रीय संग्रहालय का उद्घाटन 28 सितंबर को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस करेंगे। वर्चुअल मोड पर इसका उद्घाटन किया जायेगा। उद्घाटन समारोह का लाइव प्रसारण कोल्हान विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।
विवि के कुलसचिव जयंत शेखर की ओर से इस बाबत जानकारी साझा की गई है। गौरतलब हो कि विवि में इस संग्रहालय की स्थापना कोल्हान की आदिवासी कला संस्कृति को संजोए रखने के लिए की गयी है। इस संग्रहालय में जनजातीय समुदाय से जुड़ी सैकड़ों वर्ष पुरानी जीवनशैली से जुड़ी वस्तुएं संरक्षित कर रखी गयी
हैं। इसमें कोल्हान के आदिवासियों की वेशभूषा से लेकर पारंपरिक परिधान व वाद्य यंत्रों तक को संजोया गया है। विश्वविद्यालय स्तर पर स्थापित किया गया यह झारखंड का पहला जनजातीय संग्रहालय होगा। कोल्हान विवि के प्रवक्ता डॉ. पीके पाणी ने बताया कि इस संग्रहालय में लोग कोल्हान के आदिवासियों की जीवनशैली को करीब से देख व जान सकेंगे।
इस पहल से आदिवासियों के लुप्त होते तौर-तरीकों को संजोए रखने की कोशिश की जा रही है। इसमें न सिर्फ सांस्कृतिक इतिहास का संरक्षण होगा, बल्कि पारंपरिक तौर-तरीके व वाद्य यंत्रों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी जा सकेगी। इसमें लोहा गलाने की प्राचीन तकनीक से लेकर प्राचीन काल से अब तक की आदिवासी जनजीवन की पूरी यात्रा को समेटा गया है।
इसमें पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र, खान-पान, पर्व-त्योहार, पारंपरिक आभूषण, वाद्ययंत्र, हस्तशिल्प व शिकार करने के हथियार भी संरक्षित किए गए हैं। इस संग्राहलय में कोल्हान के हो जनजाति की संस्कृति से जुड़ी हुई चीजों का संग्रह किया गया है। संग्राहलय में संरक्षित चीजों में पारंपरिक वाद्ययंत्र, मसलन-नगाड़ा, मृदंग, बांसुरी, बनम, खाद्यान्न करने की बांदी (पूड़ा), जंगली फल, जड़ी-बूटी, हल, जाल, तीर-धनुष, अनाज के बीज आदि रखे गये हैं।