मुजफ्फरनगर की विशेष अदालत में भाजपा नेता विक्रम सैनी समेत कई नेताओं के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू होगी
उत्तर प्रदेश समाचार: मुजफ्फरनगर में कानून तोड़ने के मामले में इस महीने कई नेताओं के खिलाफ विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई होनी है। इनमें बीजेपी के पूर्व विधायक विक्रम सैनी, पूर्व गृह राज्य मंत्री साईदुजमा, पूर्व सांसद कादिर राना, पूर्व सभासद अहसान शमीम, सादिक और हाजी सलीम का नाम शामिल है।
राजेश कुमार झा
मुजफ्फरनगर: कानून तोड़ने के आरोपी मुजफ्फरनगर के नेताओं के खिलाफ 21 जून को कोर्ट में सुनवाई होगी। 2004 में नियमों का उल्लंघन कर सभा करने वाले पूर्व गृह राज्यमंत्री साईदुज्जमा, पूर्व सांसद कादिर राणा सहित 6 लोगों पर आरोप तय होने के बाद सुनवाई होगी। इसी तरह 2013 की मुजफ्फरनगर हिंसा का सबब बने कवाल कांड के आरोपी बीजेपी के पूर्व विधायक विक्रम सैनी पर भी आरोप तय होने के बाद अब 21 जून को सुनवाई होगी। इसी केस में सजा होने पर विक्रम सैनी की विधायकी जा चुकी है।मुजफ्फरनगर में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर 2004 में शहर कोतवाली के फखरशाह चौक पर चुनावी सभा हुई थी। सरकारी काम में बाधा डालने, फोटोग्राफर का कैमरा लूटने के मामले में आरोपी पूर्व गृह राज्य मंत्री साईदुजमा, पूर्व सांसद कादिर राना, पूर्व सभासद अहसान शमीम, सादिक और हाजी सलीम के खिलाफ विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट के जज मयंक जयसवाल ने 21 जून को सुनवाई की डेट तय की है। पांच आरोपियों पर धारा 188, 353 व 392 के तहत आरोप तय हो गए है। सईदुजमा पर धारा 395 में आरोप भी तय हो चुके हैं।
सांप्रदायिकता भड़काने में पूर्व विधायक सहित 27 के खिलाफ भी सुनवाई
विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के जज मयंक जायसवाल ने सांप्रदायिकता भड़काने के मामले में खतौली के पूर्व विधायक विक्रम सैनी सहित 27 लोगों पर आरोप तय करने के बाद 21 जून को सुनवाई शुरू करेंगे। इसी मुकदमे के एक हिस्से की सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध होने के बाद पूर्व विधायक विक्रम सैनी को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। इस मामले में सबूत पेश करने के लिए अब कोर्ट ने 21 जून की तिथि तय की है। इसी के साथ सुनवाई शुरू हो जाएगी।
2013 में हुआ था कवाल कांड
दरअसल, मुजफ्फरनगर के जानसठ क्षेत्र के कवाल गांव में 27 अगस्त 2013 को शाहनवाज के हत्या के बाद सचिन और गौरव की लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। 29 अगस्त को दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। पुलिस ने दोनों पक्ष के 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। सांप्रदायिकता भड़काने के आरोप में पुलिस ने बाद में चार्जशीट दाखिल की थी।