मा0 सदस्या ने महिला जनसुनवाई में सुनी पीड़ित महिलाओं की समस्यायें
जनसुनवाई में कुल 32 प्रकरण सुनवाई के लिए आएं जिनमें से 4 प्रकरणों का मौके पर ही किया गया निस्तारण
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जमशेदपुर। मा. सदस्या, उ.प्र. राज्य महिला आयोग श्रीमती अनीता सचान के द्वारा बुधवार को सर्किट हाऊस में मिशन शक्ति फेज-3 के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बंधित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं विषयक जागरूकता शिविर एवं महिला जनसुनवाई की गयी। जनसुनवाई में घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, योजनाओं का लाभ न मिलने, अवैध कब्जे से सम्बंधित शिकायतों सहित अन्य कई शिकायतें सुनवाई के लिए आयी। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का गठन पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए ही हुआ है। यदि किसी महिला को न्याय मिलने में कोई परेशानी आ रही है तो वे अपनी समस्या को लेकर महिला जनसुनवाई में जरूर आये। जनसुनवाई में पीड़ित महिलाओं की पूरी सहायता की जायेगी। महिला जनसुनवाई में कुल 32 प्रकरण सुनवाई के लिए आये, जिनमें से 4 प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया।
जनसुनवाई में अंजू पाल पत्नी भरत लाल पाल निवासी फाफामऊ सोरांव ने कब्जा दिलाये जाने, विजय लक्ष्मी दुबे उर्फ रूची पुत्री शैलेन्द्र कुमार दुबे निवासी इंदिरा नगर लखनऊ ने जनसुनवाई में अपने पती के दूसरी शादी किये जाने, साधना सिंह पत्नी आदिल सिंह निवासी राजरूपपुर के द्वारा छेड़खानी व लूट किये जाने, प्रियंका केसरवानी पुत्री बृजलाल केसरवानी निवासी मुट्ठीगंज ने घरेलू हिंसा, मन्तशा खानम पुत्री मो0 फाजिल कमर निवासी महेवा नैनी ने महिला उत्पीड़न व भ्रूण हत्या से सम्बंधित शिकायत मा0 सदस्या से की। मा0 सदस्या ने सभी शिकायती प्रार्थना पत्रों पर गुणवत्ता के साथ त्वरित कार्रवाई करते निस्तारित करने का निर्देश दिया है। साथ ही जनसुनवाई में वृद्धापेंशन, आवास तथा अन्य योजनाओं से सम्बंधित प्रार्थना पत्र दिए गए, जिसपर मा0 सदस्य ने आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा है।
मा0 सदस्या ने पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को सुना। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई महिला अगर शिकायत लेकर थाने में जाती है, तो पूरी गम्भीरता/संवेदना के साथ महिलाओं की शिकायतों को सुनते हुए आवश्यक कार्यवाही करते हुए शिकायतकर्ता को संतुष्ट किया जाये। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही न बरती जाये। उन्होंने कहा कि महिला जन सुनवाई में आने वाले शिकायती प्रकरणों के निस्तारण की मानिटरिंग सुनवाई के बाद नियमित रूप से आयोग के स्तर पर की जाती है इसलिए प्रकरणों को बेवजह लम्बित करने तथा पीड़ित महिलाओ को न्याय दिलाने में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाये। इस अवसर पर सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।