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महात्मा गांधी ने भारत के आजादी की जबकि जेआरडी टाटा ने देश को आर्थिक रूप से सबल बनाने की लड़ाई : अरुण मायरा


जमशेदपुर। शुक्रवार की शाम एक्सएलआरआइ में जेआरडी टाटा व्याख्यान का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में भारत के योजना आयोग के पूर्व सदस्य सह बीसीजी इंडिया के चेयरमैन अरुण मायरा
जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में टाटा स्टील के एमडी सह एक्सएलआरआइ के चेयरमैन टीवी नरेंद्रन मौजूद थे. दोनों ने एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज, जेआरडी टाटा सेंटर फॉर बिजनेस एथिक्स के चेयरमैन फादर कुरुविला पांडिकुट्टू व डीन एकेडमिक्स प्रो. संजय पात्रो के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान अरुण मायरा ने देश के भावी मैनेजरों को बिजनेस एथिक्स पर संबोधित किया. उन्होंने कहा, आम तौर पर नयी पीढ़ी के लोगों के जेहन में यह बातें रहती हैं कि बड़ी कंपनियां व्यापार करती हैं, और केवल मुनाफा कमाती हैं. वह राष्ट्र निर्माण में कार्य नहीं करती है. लेकिन इस बात को टाटा ग्रुप में गलत साबित किया है. कहा कि जब महात्मा गांधी भारत को आजाद करने की लड़ाई लड़ रहे थे, उस वक्त जेआरडी टाटा भी एक लड़ाई लड़ रहे थे. वह लड़ाई थी भारत को आर्थिक रूप से सबल बनाने की. श्री मायरा ने कहा कि “जेआरडी टाटा को जब भी कोई कड़ा फैसला लेना होता था तो वे खुद से पूछते थे कि टाटा के लिए क्या अच्छा होगा और भारत के लिए क्या अच्छा होगा और अगर दोनों के बीच कोई टकराव हुआ तो वह उस निर्णय के साथ आगे बढ़ेंगे जो भारत के लिए अच्छा होगा. जेआरडी टाटा के नेतृत्व गुण से हर किसी को सीख लेने का आह्वान किया. अरुण मायरा ने प्रबंधन क्षेत्र में भागवत गीता के संदर्भ का उदाहरण देकर कि गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उत्तर दिया-तुम्हारा अधिकार केवल कर्म पर है, फल पर नहीं. उन्होंने कहा कि आपको अपना काम अपनी सर्वोत्तम क्षमता से करनी चाहिए, लेकिन आपकी सफलता का फल के आनंद सिर्फ आपके अकेले के लिए नहीं होनी चाहिए. कहा कि उस पर दुनिया में हर उस इंसान का हक है जिसने आपको बनाया है. उन्होंने अंत में कहा, “समाज को अर्थव्यवस्था के साथ फिर से जुड़ना होगा.

एक्सएलआरआइ में विद्यार्थी को बिजनेस एथिक्स का कोर्स है अनिवार्य
जेआरडी टाटा सेंटर फॉर बिजनेस एथिक्स के चेयरमैन फादर कुरुविला पांडिकुट्टू ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि एक्सएलआरआइ ना सिर्फ बिजनेस लीडर तैयार करती है बल्कि उनमें एथिकल वैल्यू का समावेश हो इसके लिए खास तौर पर कोर्स को डिजाइन किया गया है. जिसके तहत हर विद्यार्थी को बिजनेस एथिक्स के 11 कोर्स करने अनिवार्य होते हैं. एक्सएलआरआइ के आने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए अंतर्राष्ट्रीय नैतिकता सम्मेलन की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने टाटा स्टील की ओर से चलायी जा रही एथिक्स पर आधारित कई तरह की प्रतियोगिताओं का भी जिक्र किया.
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