भुखमरी, बेरोज़गारी, जातिवाद औऱ धार्मिक कट्टरता के विरोध अमन, इंसाफ और भाईचारे के लिए में हो रही है बहुजन अधिकार रैले : काशिफ़ रज़ा सिद्दीकी
इजाज अहमद
जमशेदपुर। प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से काशिफ़ रज़ा सिद्दीकी ने बताया कि आगामी 22 जनवरी 2023 को आमबगान मैदान, जमशेदपुर में सुबह 10 बजे से आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक के हक़ और अधिकार के लिए और भुखमरी, बेरोज़गारी, जातिवाद और धार्मिक कट्टरता के विरोध में बहुजन अधिकार रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य झारखण्ड के बहुजन समाज को जागृत करना है और उनके हक और अधिकार के लिए आवाज़ उठाना है।
उन्होंने आगे कहा कि इस देश को आज़ाद हुए 76 वर्ष हो चुके हैं पर आज तक इस देश के 85% बहुजनो को उनका हक और अधिकार नहीं मिला है, उनकी स्थिति जस की तस बनी हुई है, भुखमरी, बेरोज़गारी, अशिक्षा, जातिवाद और गरीबी में यह समाज निरंतर जूझ रहा है, और यही कारण है कि इनका इस्तेमाल कर इन्हें धार्मिक कट्टर बनाया जा रहा है, ताकि इस देश के असल मुद्दों से बहुजन समाज को दूर रखा जा सके।
उन्होंने बताया कि इस जनसभा में देश के प्रसिद्ध बुद्धि जीवी और बहुजन समाज में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे, जिनमें मुख्य रूप से भीम आर्मी संस्थापक चनद्रशेखर आज़ाद, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना सज्जाद नोमानी, पूर्व सांसद पटियाला सरदार अतिन्दर पाल सिंह, पूर्व सांसद मुम्बई उबैदुलाह खान आज़मी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लक्मन यादव, नेशनल दस्तक के संपादक शंभु कुमार सिंह, बरैली उत्तर प्रदेश से तौकीर रज़ा खान, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अबु बकर सब्बाक, मिल्लत टाइम्स के मुख्य संपादक शम्स तबरेज कासमी और झारखंड के कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इस रैली के माध्यम से हम चाहते हैं कि अमन, इंसाफ और प्रेम का संदेश दिए जाएं और देश और प्रदेश में अमन और इंसाफ स्थापित हो , आपसी भाईचारा बढ़े और सब मिलकर देश और प्रदेश के विकास के लिए काम करें।