भाषा-बोली पर विभेद की राजनीति नहीं चलेगी। ध्वज विमोचन के साथ भारतीय जनतंत्र मोर्चा ने वृहद सदस्यता अभियान का किया आगाज।
जमशेदपुर;भारतीय जनतंत्र मोर्चा झारखंड प्रदेश के द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर पुरे राज्य में वृहद सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया गया । भाजमो जमशेदपुर महानगर के द्वारा धालभूम क्लब साकची में भव्य समारोह के रूप में इस अभियान का आगाज किया गया और सैकड़ों लोगों की उपस्थिति आज इस अभियान कि गहाव बनी । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजमो के मुख्य संरक्षक सह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय उपस्थित हुए । कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजमो जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने किया । संबोधन से पूर्व सरयू राय ने पार्टी के ध्वज फहराया। भाजमो जिंदाबाद के नारों से पुरा प्रांगण गुंज उठा । कार्यक्रम के आरंभ में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुष्प की विशाल माला पहनाकर सरयू राय का अभिनंदन किया । अध्यक्षीय भाषण देते हुए पार्टी के महानगर अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने विधायक सरयू राय का आभार प्रकट किया और पूर्वी की जनता की विश्वास को सही ठहराते हुए कहा की पूर्वी के लोगों ने जिस उद्देश्य से परिवर्तन का नारा दिया था वह आज पुरा होता नजर आ रहा है । श्री सरयू राय ने कार्यकर्ताओं और शुभचिंतको को संबोधित करते हुए कहा कि
25 सितंबर, 2021 को
पंडित दीनदयाल की जयंती है दीनदयाल जी की प्रासंगिकता सादा जीवन उच्च विचार थे।
आजाद भारत का नया दल, 21 अक्टूबर 1951 को अखिल भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी तत्पश्चात कांग्रेस 28 दिसंबर 1885, सीपीआई 25 दिसंबर 1925, संघ विजया दशमी 1925 (27 सितंबर, रविवार), शिरोमणि अकाली दल 14 दिसंबर 1920, 19 मार्च 1940, जनता पार्टी 23 जनवरी 1977, भारतीय जनता पार्टी 6 अप्रैल 1980, सीपीएम 7 नवंबर 1964, जेएमएम 25 नवंबर 1972 हुई थी। जेएमएम के संस्थापक बिनोद बिहारी महतो, कांग्रेस के साथ गये और 1987 में निर्मल महतो की हत्या के बाद जेएमएम बी जेएमएम के साथ मिला. भाजमो की स्थापना 15/03/2021 को हुई थी। भाजमो के जन्म का कारण जमशेदपुर पूर्वी में परिवर्तन का सफल होना है और यह परिवर्तन स्वाभिमान के लिए, तानाशाही के खिलाफ, भ्रष्टाचार के खिलाफ, अपमान के खिलाफ था । विगत विधानसभा चुनाव में मैंने पार्टी से कहा था की बता दो टिकट देंगे की नहीं पर उन्होंने लटकाये रखा, इस अपमान को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए मैंने पूर्वी जमशेदपुर की जनता की माँग पर पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ उनके ही विधानसभा क्षेत्र में जाकर चुनाव लड़ा और जनता की अपार समर्थन से विजय प्राप्त हुई।इस जीत के लिए आभार पूर्वी की महान जनता को । हमारी प्रेरणा दीनदयाल जी से मैंने कहा था की पार्टी गलत उम्मीदवार देती है तो उसका विरोध करना हमारा नैतिक दायित्व है। महात्मा गांधी ने कहा था- असत्य, अन्याय और दमन के सामने झुकना कायरता है, जयप्रकाश ने कहा था- सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं, लोहिया ने कहा था- रोटी के उलटने-पलटने की तरह सरकार और प्रतिनिधि को बदलो. पंडित दीनदयाल का अंत्योदय, गांधी का दरिद्र नारायण, जयप्रकाश की संपूर्ण क्रांति, लोहिया की सप्त क्रांति कि भांती आज हम सभी को झारखंड में भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध, परिवारवाद, अहंकार के खिलाफ जन क्रान्ति का आगाज किया गया है । झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता की मुलभुत जरूरतों को पुरा करना है । झारखंड को अलग राज्य बनें नवंबर में 21 साल होंगे, यह अलग राज्य क्यों बना अलग-अलग विचार, आदिवासी, मूलवासी, प्रवासी का समन्वय, भारत में विभिन्नताएँ – विविधतायें – विषमतायें, झारखंड में भी. अलग भाषा- अलग वेष फिर भी अपना एक देश, यही झारखंड में भी, अलग भाषा-अलग भाष्य फिर भी अपना एक राज्य, सबको मिलकर चलना होगा, जोड़ना होगा, बाँटने वालों से सावधान होना होगा। झारखंड पर विमर्श की जरूरत है राष्ट्रीय एकता को तोड़नेवाली शक्तियाँ को पहचानना होगा, विश्लेषण की जरूरत है। आंदोलन बँटा, टूटा, अवसर गँवाये, सौदेबाजी की, सफल तभी हुआ जब राष्ट्रवादी ताकतें आगे हुई । राज्य निर्माण विकास के लिये, देश की मजबूती के लिये, तुष्टिकरण के लिये नहीं.
– नियम यदि समन्वय में बाधक होंगे तो बदले जायेंगे, भाषा-बोली पर विभेद की राजनीति नहीं चलेगी, नियुक्ति में छाँटने की नीति नहीं चलेगी । भ्रष्टाचार, सुशासन, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी, बेरोजगारी, महँगा शहरी जीवन, महँगी सुविधाएँ यह सभी पर कार्य करने की आवयशकता है ।
जमशेदपुर के विकास का खाका तैयार करना होंगा । बिहार में झारखंड था तब भी युपी, पंजाब, आंध्र, बंगाल थे, एक लघु भारत था. अलग हुआ तब भी झारखंड में एक लघु भारत है. जमशेदपुर तो विविध रंगों, सुगंधों वाली एक फुलवारी है. इसे सींचने, काटने-छाँटने के लिये कुशल माली चाहिये. सींचने में पत्तियाँ झड़ेंगी- शेर. चिराग – वो जहां पर भी रहे.,.अब अपना कर्तव्य- जमशेदपुर को बेहतर बनाना, अनियमितताएँ कम करना, मनबढुओं पर लगाम लगाना, धार्मिक स्थल की आड़ में कमाई, सूर्य मंदिर परिसर को कला, खेल, संस्कृति का केन्द्र बनाना, नदी को सुधारना, जनसुविधाएँ ठीक करना, कमजोर लोगों का रक्षण, सरकारी संपत्ति से सबका विकास. पब्लिक मनी प्राईवेट एजेंडा का विरोध. कार्यकर्ता ही हमारी असल शक्ति है। कार्यक्रम में मंच संचालन भाजमो जिला कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र प्रसाद ने किया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजमो केंद्रीय कोषाध्यक्ष अशोक गोयल, जिला महामंत्री मनोज सिंह उज्जैन, मंत्री विकास गुप्ता, सह सदस्यता प्रभारी राजेश कुमार झा, प्रवक्ता आकाश शाह, विधायक प्रतिनिधि ( विद्युत विभाग) पी विजय राव, पूर्वी विधानसभा संयोजक अजय सिन्हा, भास्कर मुखी, अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष प्रकाश कोया, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष प्रकाश कोया, युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रमोद मिश्रा, महिला मोर्चा अध्यक्ष मंजू सिंह, हरेराम सिंह, सुधिर सिंह, इंद्रजीत सिंह, उलीडीह मंडल अध्यक्ष प्रवीण सिंह, मानगो मंडलअध्यक्ष कन्हैया ओझा, कदमा मंडल अध्यक्ष तिलेश्वर प्रजापति, साकची पूर्वी मंडल अध्यक्ष वरूण सिंह, साकची पश्चिम मंडल अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह, आजादनगर मंडल अध्यक्ष मुसताक अहमद, सितारामडेरा मंडल अध्यक्ष बिनोद यादव, बारीडीह मंडल अध्यक्ष विजय नारायण सिंह, बिरसानगर मंडल अध्यक्ष एम चंद्रशेखर राव , टेलको मंडल अध्यक्ष महेश तिवारी, गोलमुरी मंडल अध्यक्ष कैलाश झा, लक्षमीनगर मंडल अध्यक्ष विनोद राय, जोगींद्र सिंह जोगी, राजु मारवाह, शंकर कर्माकर, दुर्गा राव, कमल किशोर, अभय सिंह, प्रेम सक्सेना, प्रमोद सिंह मल्लु, काशीनाथ प्रधान, बलकार सिंह, पुतुल सिंह, सुनीता सिंह, सरसवती खामरि, रुचित जयसवाल, शंभु जयसवाल, सहित अन्य उपस्थित थे।