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भारतीय थल सैनिक हवलदार अंजय कुमार सिंह पंचतत्व में विलीन, बेटे और भाई ने दी मुखाग्नि

जमशेदपुर: सोनारी निवासी अंजय कुमार सिंह सन 2000 में भारतीय थल सेना में भर्ती हुए थे और इंजीनियरिंग कोर में हवलदार के पोस्ट पर कार्यरत थे। इलाज के दौरान नई दिल्ली स्थित सेना के R & R अस्पताल में उनका निधन हो गया था। कल उनका पार्थिक शरीर शहर पहुंचने के बाद टाटा मुख्य अस्पताल के मोर्चरी में रखा गया। आज सुबह परिवारिक रिती रिवाज से पूजा अर्चना के बाद भारतीय सेना के जवानों ने उनके पार्थिव शरीर को सेना की फूलों से सजी हुई गाड़ी में रखकर सम्मान पूर्वक उनके घर से भुईयाडीह स्वर्णरेखा घाट तक पहुंचे। रास्ते में परिवार एवं सगे सम्बन्धी, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सदस्यों के साथ साथ स्थानीय देशभक्त निवासियों ने हाथों में तिरंगा लिए पूरे रास्ते भारतीय सेना जिंदाबाद, वीर सैनिक अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारों से पूरा इलाका गूंजता रहा। स्वर्णरेखा घाट में सभी सैनिक, पूर्व सैनिक एवं देश भक्तों ने बारी बारी अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उनकी बेटी कशिश सिंह एवं बेटा कुणाल कुमार ने भी पूर्व सैनिकों के साथ मिलकर पुष्प चक्र समर्पित किया एवं अपने पिता को अंतिम सलामी दी। सेना ने वीर जवान को राइफल से सलामी दी एवं 2 मिनट का शोक सस्त्र के साथ मौन रखा।
सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने तिरंगा ध्वज को ससम्मान भाई सूबेदार मंजय कुमार सिंह एवं बच्चों को समर्पित किए। यह तिरंगा ध्वज ही अंतिम धरोहर के रूप में परिवार के पास वीर सैनिक की निशानी रह जाएगी। पूजा अर्चना के बाद बेटे और भाई ने मिलकर मुखाग्नि दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में 100 फील्ड रेजीमेंट के जवानों के साथ साथ पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सुशील कुमार सिंह कमल शुक्ला दिनेश सिंह राजीव रंजन उपेंद्र प्रसाद सिंह विवेक कुमार सिंह भोला प्रसाद सपत्नी शिव कुमार सिंह मनोज कुमार सिंह गोविंद राय देवेंद्र त्रिपाठी मुकेश कुमार नौशाद आलम सुरेंद्र मौर्य सहदेव सिंह विद्या सिंह नरेंद्र कुमार संजय सावरकर उनके यूनिट से आए हवलदार सरोज कुमार आदि शामिल थे।

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