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बाल विवाह के खिलाफ युवा का स्टेकहोल्डरों के साथ जिला स्तरीय कार्यशाला98

जमशेदपुर। सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन( युवा) के तत्वावधान में बाल विवाह के खिलाफ एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला, सुंदरनगर में गर्ल्स फर्स्ट फंड के सहयोग से किया गया। इस कार्यशाला में पोटका प्रखंड के पंचायत प्रतिनिधि, किशोरियाँ, ग्राम प्रधान, जमशेदपुर से विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, DLSA एवम child line के सदस्य ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का संचालन ज्योति हेमब्रोम ने किया। युवा संस्था की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि गैर सरकारी संस्थाएं और सरकारी संस्थाएं दोनों बाल विवाह, जबरन विवाह पर कार्य कर रही है। फिर भी बाल विवाह रुक नहीं रहा है। इसमें हम क्या रणनीति बना सकते है जिसे बाल विवाह न हो। इस कार्यशाला में पैनल डिस्कशन के जरिए बाल विवाह, जबरन विवाह को लेकर संग्राम पंचायत के मुखिया अभिषेक सरदार ने कहा कि हमारे पंचायत में सरकार द्वारा बाल संरक्षण भवन बना तो दिया गया है पर उसका कोई उपयोग नहीं किया जाता हैं। हर जगह लोगों को जागरूक करने के लिए अलग अलग मुद्दों को लेकर चौक चौराहे पर बैनर लगाते हैं पर कही भी बाल विवाह को लेकर सरकार कोई भी बैनर नहीं लगाती हैं। बाल विवाह को लेकर पंचायत में पंजीकृत करवाना अनिवार्य हैं लिखा है पर जिला में कोई डेटा नहीं मांगा जाता। हमें स्कूल में किशोर एवम किशोरी दोनों को बाल विवाह को लेकर जागरूक करना चाहिए। सानग्राम पंचायत में महिला संरक्षण समिति बनाए है ताकि महिलाओं की समस्या पंचायत तक पहुंच सके। वकील प्रीति मुर्मू ने कहा कि सरकार कानून तो बना देती हैं पर उसका इंप्लीमेंट नहीं करती हैं। बाल विवाह को रोकना हैं तो कोर्ट को इस शादी को नॉन वैलिड डिक्लेयर करना चाहिए और परिवार वालों को सजा और जुर्माना लगना चाहिए, जो बाल विवाह अधिनियम में लिखा है। पॉक्सो एक्ट के जरिए किशोरियां तो सुरक्षित हो जाती हैं पर लड़के फंस जाते हैं सरकार को ऐसा एक्ट बनाना चाहिए जिसमें दोनों सुरक्षित हो पाए।समाजसेवी अंजलि बोस ने कहा कि माता पिता को जब बाल विवाह मत कराइए बोलते हैं तो वो बोलते हैं कि लड़की अपने पसंद से चली गई तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, पर किशोरी को कम उम्र में शादी करा दिया गया और वो गर्भवती हो गई, तब दोनों की जान को खतरा होता हैं। तब इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। पंचायत प्रतिनिधि घरेलू हिंसा को रोकने का प्रयास करें। चाइल्ड लाइन की सदस्य उषा गुप्ता ने कहा कि हम लोग किशोरियों का बाल विवाह तो रोक देते हैं उसके बाद उनकी शिक्षा को लेकर बहुत बड़ी समस्या हो जाती है, KGBV स्कूल में नामांकन बहुत मुश्किल से हो पाता हैं। किशोरियों की शिक्षा के लिए अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। हमें किशोर एवम किशोरी दोनो को ही पॉक्सो एक्ट एवम बाल विवाह को लेकर जागरूक करना चाहिए। युवा की सचिव वर्णाली ने चर्चा को समेटते हुए कहा कि हमें किशोरियों को बोलने के लिए सुरक्षित माहौल और स्थान देना होगा ताकि वो खुल कर अपनी बातों तो रख सके, हम सभी को सरकारी संस्था और गैर सरकार संस्थाएं दोनों को मिलकर काम करना होगा और ज्यादा से ज्यादा सक्सेस स्टोरी और रोल मॉडल के जरिए किशोरियों को लक्ष्य बनाने में सहयोग करना होगा। इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिए युवा की कार्यकर्ता रिला सरदार, अबंती सरदार और चंद्रकला मुंडा ने सहयोग किया।

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