बाबा श्याम की कथा में पप्पू शर्मा ने किया खाटू नरेश की महिमा का वर्णन
बिष्टुपुर तुलसी भवन में कथा का प्रथम दिन
जमशेदपुर। बिष्टुपुर तुलसी भवन में तीन दिवसीय संगीतमय श्री खाटू श्याम जी की कथा (शीश के दानी की अमर कहानी) के प्रथम दिन गुरूवार को व्यास पीठ से कथा व्यास श्याम रत्न खाटू वाले पप्पू शर्मा ने बाबा खाटू श्याम के जन्म बारे बताया। उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि भारत के सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में से एक खाटू श्याम का मंदिर मुख्य रूप से बर्बरीक नामक महाभारत के दानव को समर्पित है। इसीलिए खाटू श्याम की जीवन कथा की शुरुआत महाभारत से शुरू होती है। मंगलाचरण से कथा का शुभारंभ हुआ। खाटू नरेश की महिमा का वर्णन करते हुए बाबा के जीवन चरित्र का वर्णन किया उनके विशेष श्रृंगार का उल्लेख किया। कथा व्यास पप्पू शर्मा ने कहा कि श्री श्याम बाबा की कथा को यदि नियम पूर्वक सुना जाए तो मोक्ष तक की प्राप्ति हो सकती है। कथा श्रवण के भी नियम होते हैं मन को एकाग्र करके अपने चित्त को प्रभु के चरणों में लगाकर अगर कथा का श्रवण किया जाए तो सच्चे अर्थों में इसके फल की प्राप्ति होती है। कथा के दौरान उनके भजन लडडू गोपाल मेरा लडडू गोपाल…, अवतार लो अवतार लो…, बाजे रे बाजे ढोल बाजे रे…, मेरे बाबा की खाटू नगरी है…, कब आएगा मेरा सांवरिया… आदि भजनों पर श्याम प्रेमियों ने झूमते हुए अपनी आस्था जतायी एवं खुशी मनाई। इससे पहले सुबह 05.30 बजे मंगला आरती हुई। उसके बाद 06 बजे बाबा का श्रृंगार किया गया। सुबह 08.30 बजे से जजमान पूजा हुई। पहले दिन नौ (09) जजमनों ने पूजा की और बजरंग पंडिम ने पूजा करायी। ज्योत प्रज्जवलन सुबह हुआ, जो दिन भर प्रज्जवलित रहा। भक्त दिन भर ज्योत लेने ओर बाबा का दर्शन करने के लिए आते रहे। संध्या 08 बजे छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया गया। शयन आरती के बाद गुरूवार का कार्यक्रम संपन्न हुआ। फूलों से सजा बाबा का दरबार आकर्षण का केंद्र रहा। आज के इस धार्मिक कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से कविता धूत, रिंकू अग्रवाल, पायल सोंथालिया, पायल गर्ग, कृतिका गोयल, पूजा मोदी, सोनल अग्रवाल, मोनिका बकरेवाल, नेहा सोंथालिया, किरण अग्रवाल, अंजू मोदी, प्रीति बुधिया, संगीता गुप्ता, रिया अग्रवाल, स्वाति अग्रवाल, नीमा मोदी, सीमा अग्रवाल, नितेश धूत, शैलेश मोदी, विष्णु गोयल, रंजीत बुधिया, प्रमोद देबूका, सौरव सोंथालिया, संतोष अग्रवाल, मनीष बांकरेवाल, प्रदीप अग्रवाल, सुमित अग्रवाल आदि का योगदान रहा।