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प्रयागराज में लाइट और नियो मेट्रो की आस जगी, सर्वे के लिए कंपनी ने पीडीए से 30 रुपये मांगे

नेहा तिवारी
प्रयागराज;संगम नगरी यानी प्रयागराज में लाइट और नियो मेट्रो के संचालन को लेकर आस जगी है। इसके लिए राइट्स कंपनी शहर में सर्वे करेगी। सर्वे के लिए कंपनी ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) से 30 लाख रुपये की मांग की है। धनराशि मिलते ही कंपनी सर्वे शुरू कर देगी। उसके बाद डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होगी।

लाइट और नियो मेट्रो के संचालन के हिसाब से सर्वे कराने की तैयारी

राइट्स कंपनी ने पहले शहर में मेट्रो के संचालन के लिए वैकल्पिक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट (एएआर) और कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) तैयार की थी। यह रिपोर्ट और प्लान मेट्रो नीति 2017 के मुताबिक तैयार की गई थी। इसमें बमरौली से झूंसी-अंदावा और फाफामऊ-शांतिपुरम से नैनी में डेज मेडिकल चौराहा तक करीब 40 किमी का रूट निर्धारित था। प्रत्येक रूट लगभग 20-20 किमी का था। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार द्वारा लाइट मेट्रो नीति 2019 और नियो मेट्रो नीति 2020 लाई गई। ऐसे में अब लाइट और नियो मेट्रो के संचालन के हिसाब से सर्वे कराने की तैयारी है। एएआर में यातायात संबंधी पूरा विवरण होता है।

लाइट मेट्रो का खर्च आधा और नियो का चौथाई से कम

मेट्रो के लिए जो योजना बनी थी, उसमें ओवरहेड यानी ऊपर से रूट बनाने पर प्रति किमी. करीब 200 करोड़ और अंडरग्राउंड रूट निर्माण में लगभग 300 से 350 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित था। लाइट मेट्रो के लिए प्रति किमी रूट निर्माण का खर्च तकरीबन 120 से 125 करोड़ और नियो मेट्रो के लिए प्रति किमी रूट निर्माण का खर्च लगभग 40 से 50 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। मेट्रो की तुलना में लाइट मेट्रो के संचालन का खर्च करीब आधा और नियो मेट्रो के संचालन का खर्च लगभग एक चौथाई से कम आने की उम्मीद है।

मेट्रो के लिए 40 हजार यात्रियों का प्रति घंटे सफर जरूरी

मुख्य अभियंता मनोज कुमार मिश्रा का कहना है कि मेट्रो के लिए प्रति घंटे औसतन 40 से 75 हजार यात्रियों का सफर करना जरूरी होता है। यहां प्रति घंटे औसतन 15 हजार यात्री ही यात्रा करते हैं। बताया कि लाइट और नियो मेट्रो के सर्वे के लिए कंपनी को धनराशि उपलब्ध कराने संबंधी प्रक्रिया चल रही है।

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