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परंपरागत पैटर्न पर ही सिखों ने डाले वोट

हवा हवाई हुई अपील, पुरानी गोलबंदी बरकरार मोदी मैजिक व विद्युत की सादगी


जमशेदपुर। जमशेदपुर लोक सभा 2024 में सिख मतदाताओं का वोटिंग पैटर्न परंपरागत ही रहा है। साल 1984 के बाद से इन्हें कांग्रेस विरोधी माना जाता रहा है और इसका लाभ भाजपा को मिलता रहा है। इस बार भी अपवाद नहीं रहा है और सिखों ने भाजपा उम्मीदवार को निराश नहीं किया।
कई मुद्दों का हवाला देते हुए गिनती के सिख नेताओं ने भाजपा को शहरी इलाके में घेरने की कोशिश की परंतु नाकाम साबित हुए।
यहां एक तो देश में मोदी मैजिक बरकरार था वहीं विद्युत वरण महतो की सादगी विरोधियों पर भारी पड़ गई।
लोकसभा चुनाव में झारखंड सिख विकास मंच के संस्थापक गुरदीप सिंह पप्पू भाजपा के युवा नेताओं के साथ दिखे और इन्होंने जमकर मेहनत की और इसका परिणाम भी पक्ष में आया।
चुनाव आयोग ने चुनावी परिणाम को सार्वजनिक कर दिया है और उससे प्राप्त आंकड़ों के आधार पर गुरदीप सिंह पप्पू, सतवीर सिंह सोमू, जोगिंदर सिंह जोगी, मनजीत गिल, चंचल भाटिया, चिंटू सिंह, नवजोत सिंह सोहल, रॉकी सिंह, इंदर सिंह इंदर, जत्थेदार कुलदीप सिंह, रविन्द्र सिंह रिंकू, दलजीत सिंह सरीखे नेता बम बम हैं।
बुधवार को प्रेस वार्ता कर इन्होंने सिख बहुत इलाकों में भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो को मिले सिख मतों के आधार पर समुदाय के प्रति आभार जताया है।
टूइलाडूंगरी, नामदा बस्ती, 10 नंबर बस्ती, मनीफीट, जेम्को, साकची गुरुद्वारा बस्ती, बिरसानगर, फौजा बगान, रिफ्यूजी कॉलोनी, अर्जुन बागान के बूथ पर भाजपा प्रत्याशी को जितने मत मिले हैं। उसके अनुपात में इंडी गठबंधन के प्रत्याशी समीर कुमार महंती को दस से पंद्रह प्रतिशत मत ही हिस्से में आए हैं।
यह बीजेपी विरोधी मुख्य पार्टी को प्राप्त होने वाला वही ट्रेंड है, जो 1985 से दिख रहा है। फिर 1995 से रघुवर दास की जीत होती रही और उन्होंने इलाके के गुरुद्वारों के विकास उन्नयन के लिए ढेर सारा काम किया, जिसका लाभ भाजपा को मिलता रहा है और इस बार भी दिख गया।
जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो रामदास भट्टा, मानगो गुरुद्वारा बस्ती, उलीडीह पंजाबी लाइन में भी बड़े अंतर से समीर महंती पीछे रहे हैं।
गुरदीप सिंह पप्पू एवं सतबीर सिंह सोमू के अनुसार प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 साल के कार्यकाल में सिख समुदाय के हित में जितने कार्य किए हैं उतना पिछले 60 सालों में भी नहीं हुआ था। उनके अनुसार कुछ स्वार्थी तत्वों ने देश भर में सिख समुदाय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा का विरोधी साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। सोशल मीडिया में जमकर प्रधानमंत्री एवं भाजपा के खिलाफ जहर उगला जाता रहा। उन्हें पंजाब के नतीजे से सबक लेना चाहिए। भले ही पंजाब में भारतीय जनता पार्टी ने सीटें नहीं जीती परंतु मत का प्रतिशत दुगना-तिगुना बढ़ा है। पंजाब के सरदार हरदीप सिंह पुरी को पूर्व की भांति कैबिनेट मंत्री तथा रवनीत सिंह बिट्टू को रेल राज्य मंत्री बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने साबित कर दिया है कि सिख पंथ एवं इसके राष्ट्रवाद के सिद्धांत उनके और इस देश के लिए कितने जरूरी हैं।

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