दुनिया में नशाखोरी बन गया अभिशाप
बढ़ रहे इससे अन्याय भ्रष्टाचार बड़े-बड़े पाप
शराब , सिकरेट, गांजा, हफीम का पसरा है साम्राज्य
लिप्त हैं लोग इसी में भूलकर अपने हर काम काज
जन कल्याण पर प्रशासन कई योजनाएं चलाती है
नशा निषेध पर क्यों ठोस कानून नहीं बनाती है ?
नशा के कारण कितने घर बर्बाद हुए हैं
नशा के कारण बिक गये इंसानियत के हर जज्बे हैं ,
बिक गये घर के भीगे चांवल और चने
चूल्हा न जला कई – कई दिनों तक भूख से तड़पती रही अंतड़ियां
वाह रे नशाखोरी की बढ़ती वैरायटियां!
सुबह होते ही इंसान बन जाता है नशादास
घर, बाहर ,सडकों पर करता है कई उपद्रौ
मार -काट,चोरी डकैती बड़े -बड़े कर्म काण्ड
नशा कारण है कई बिमारियों का
नशा कारण है जीवन में अशांति और पतन का
नशा बड़ा रोडा है उन्नति और विकास का
नशा मुक्ति ही महामंत्र है जन कल्याण का !
नशा जीवन में जहर घोल रही
नशा समाज को दिशाहीन शून्य कर रही
“क्षमा ” कर रही विनती अनंत, अनगिनत
चलो हम सब नशा निषेध का बीड़ा उठाएं
समस्त मादक वस्तुओं का बहिष्कार कर
नयी क्रांति और नशा मुक्त भारत बनाएं!
✍🏻 डॉ . क्षमा पाटले “अनंत”
(अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार एवं समाज सेवी )
जांजगीर चांपा , छत्तीसगढ़