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द्रोपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति अध्यक्ष पद पर ली शपथ देश के लिए गौरव की क्षण



जमशेदपुर: देश ने एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर एक नया इतिहास बनाया है। आज जनतंत्र, संविधान और कानून की रक्षा एवं राष्ट्रसेवा के लिए वे शपथ लेंगी।


दुनिया के सर्वाधिक बड़ी गणतंत्र भारत ने मिशाल कायम किया है। जो अमेरिका भी नहीं कर पाया है। देश के लिए गर्व और सम्मान की बेला है। सबको बधाई एवं शुभकामनाएं।

देश को आज नया राष्ट्रपति मिलेगा। नया इतिहास बनेगा। परंतु आदिवासी समाज के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक समृद्धि का जड़ उनका गांव- समाज है। जहां परंपरा के नाम पर कतिपयn no कुव्यवस्था, कुप्रथा, कुरीतियां अभी भी विद्यमान हैं। जहां आदिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रुल सिस्टम में जनतंत्र और संविधान लागू नहीं है।


गांव- समाज का राष्ट्रपति या ग्राम प्रधान ( माझी बाबा ) वंशानुगत नियुक्त होता है, सबकी सहमति से नहीं और जाने- अनजाने संविधान, कानून, मानवाधिकार का घोर उल्लंघन करता है। डायन प्रथा, नशापान, जुर्माना, सामाजिक बहिष्कार, वोट की खरीद- बिक्री,ईर्ष्या द्वेष आदि इसके नमूना हैं।

आदिवासी समाज आज देश में बहुत गर्वित और सम्मानित हुआ है। उनकी आशा आकांक्षाएं भी आसमान को छुने को आतुर हैं। मगर उनके गांव – समाज में ट्राइबल सेल्फ रुल सिस्टम में रिफार्म या सुधार के बगैर सर्वांगीण विकास असंभव है।

अतएव आदिवासी सेंगेल ( सशक्तिकरण ) अभियान सभी आदिवासी गांव- समाज में आदिवासी राष्ट्रपति स्थापित करेगा। जो जनतंत्र और संविधान की रक्षा कर सके।

आदिवासी सेंगेल अभियान ने सालखन मुर्मू के नेतृत्व में 18.4.2022 को द्रौपदी मुर्मू को उनके निवास रायरंगपुर, मयूरभंज, ओड़िशा में मिलकर TRIBAL SELF RULE SYSTEM की खामियों और सुधार पर एक घंटा बिस्तार से चर्चा किया। उन्होंने समय के साथ सुधार को अनिवार्य बतलाया।


तत्पश्चात 22.6.2022 को फिर उनको उनके निवास में मिलकर बधाई दिया और TSRS में सुधार हेतु “सेंगेल पुस्तक” भेंट किया।


सेंगेल को पूर्ण आशा है माननीय द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश के साथ सभी आदिवासी गांव समाज को भी जनतंत्र और संबिधान की रक्षार्थ प्रेरणा मिलेगा। माझी बाबा ( ग्राम प्रधान ) के रूप में राष्ट्रपति मिलेगा।

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