रौशन कु पांडेय जमशेदपुर;अफगानिस्तान में दो दशक तक युद्ध चला। अमेरिकी सैनिकों की वापसी से दो हफ्ते पहले ही तालिबान ने आगे बढ़कर राजधानी काबुल पर कब्जा जमा लिया। एक मई से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू हुई और उसके बाद से तालिबान भी सक्रिय हो गया। उसने एक-एक कर बड़े शहरों को अपने कब्जे में किया और काबुल पर कब्जे के साथ पूरे देश को अपने काबू में कर लिया। अमेरिका और उसके मित्र देशों ने अफगानिस्तान में सेना खड़ी की थी। करोड़ों डॉलर खर्च कर सैनिक साजो-सामान से उन्हें लैस किया था। सब बेकार हो गया। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोध मिशन जारी रखेगा। बाइडेन के अनुसार अमेरिका अफगानिस्तान में आतंक विरोधी अभियानों को लेकर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर तालिबान अमेरिकी सैनिकों पर हमला करने की जुर्रत करता है, तो इसका तीव्र और करारा जवाब मिलेगा। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने आतंक के खिलाफ जंग को लेकर एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी मिशन पर अपना फोकस केंद्रित रखेगा। उन्होंने कहा कि अगर तालिबान अमेरिकी सैनिकों पर हमला करने की जुर्रत करता है, तो इसका तीव्र करारा जवाब मिलेगा। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है, हम अपने आतंकवाद विरोधी मिशन पर एक लेजर फोकस बनाए रखने जा रहे हैं, अपने सहयोगियों साझेदारों और उन सभी ताकतों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम कर रहे हैं, जो इस क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने में रुचि रखते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों से उन्हें घर तक पहुंचाने का वादा किया है। उन्होंने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकिय से कहा हम आपको घर पहुंचायेंगे। इसके साथ ही उन्होंने तालिबान को चेताते हुए कहा कि हम अमेरिकी सैनिकों पर तालिबानी हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी मिशन जारी रखेगा। बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को यह बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा है कि तालिबान को हमने स्पष्ट कर दिया है कि काबुल एयरपोर्ट पर किसी भी अमेरिकी सैनिक पर हमला या हमारे ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने पर तीव्र और करारा जवाब मिलेगा।