डिप्रेशन से मुक्ति के लिए अष्टांग योग का अभ्यास आवश्यक है : आनंद मार्ग
विश्व आत्महत्या निवारण दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन
जमशेदपुर: आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से गदरा आनंद मार्ग जागृति में विश्व आत्महत्या निवारण दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। लक्ष्मण प्रसाद एवं सुनील आनंद ने कहा कि गांव देहातों में अवसाद से पीड़ित लोग झाड़-फूंक के शिकार हो जाते हैं और उनका जीवन बर्बाद हो जाता है। देहातों में इस विषय को लेकर ज्यादा चर्चा होनी चाहिए और जो अवसाद से पीड़ित मरीज हैं उनका चिकित्सा जरूरी है, क्योंकि शहरी क्षेत्रों में मनोचिकित्सक तो उपलब्ध है परंतु सुदूर गांव क्षेत्र में इनकी उपलब्धता नहीं होने के कारण लोग भटक जाते हैं और झाड़-फूंक का सहारा लेकर जिंदगी बर्बाद कर देते हैं। अवसाद के कारणों की चर्चा करते हुए कहा कि जड़ वस्तु के प्रति अत्याधिक आकर्षण के कारण अवसाद रोग (डिप्रेशन) का जन्म होता है।* विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 34 करोड़ से अधिक अवसाद रोग के मरीज पूरी दुनिया में है। भारतीय जनसंख्या का लगभग 5% करीब 6 करोड़ लोग अवसाद रोग से ग्रस्त हैं। अवसाद रोग के कारण में कहा गया है कि मनुष्य के जीने का ढंग बदल गया, व्यक्ति आत्मसुख तत्व से ग्रस्त हो स्वार्थी हो गया। आर्थिक विषमता के कारण समाज बिखर गया है । स्वतंत्रता की आड़ में युवक-युवतियां चारित्रिक पतन की ओर उन्मुख हो रहे हैं और अंततः हताश, निराश हो अवसादग्रस्त हो रहे हैं। मनुष्य के खुशहाल रहने का गुप्त रहस्य अष्टांग योग में छुपा हुआ है।