चाईबासा : सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यानाकृष्ट कराते हुए कहा कि झारखण्ड में 1932 के खतियान को आधार मानते हुए स्थानीयता के परिभाषा को पारित किया गया है। इस निर्णय से झारखण्ड के कोल्हान क्षेत्र की आम जनता स्थानीय अर्थात झारखंडी होने से वंचित रह जाएगी।
अपनी ही जन्मस्थली पर स्थानीय का दर्जा नहीं मिलने से इस क्षेत्र की जनता प्रवासी बनकर रह जाएगी। कोल्हान में सर्वे सेटलमेंट 1964, 65 और 70 में किया गया था। ऐसी परिस्थिति में 1932 के खतियान को स्थानियता का आधार बनाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। आगे सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि मैं मांग करती हूं कि तत्काल इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करते हुए झारखण्ड राज्य के अंतिम सर्वे सेटलमेंट को ही स्थानीयता का आधार बनाया जाए।