FeaturedJamshedpurJharkhandNational

चूल्हा मिट्टी का मिट्टी तालाब की तालाब ठाकुर का

(जी हांं, तालाब ठाकुर का ,क्योकि वह तालाब ठाकुर ने खुदवाया, अपने लिए नही , गांव के लोगो के लिऐ, ताकि गांव के लोग पुरे साल (अगली बारिश आने तक) स्वस्थ मिठा पानी अपने पीने के लिऐ और अपने मवेशियों को‌‌ पानी पिलाने लिऐ काम मे ले सके ।

जी हां, सख्ती थी, निगरानी थी, ताकि कोई उसको गंदा ना कर दे, पानी मे अंदर कोई जानवर ना चले जाऐ, कोई मरा जानवर ना डाल जाऐ , कोई शौच के लिऐ तालाब मे ना चला जाऐ, यहां वहां से मिट्टी खोद कर तालाब का पाल खराब ना हो, पानी बहे नही ।

ठाकुर की सोच तो भलाई की थी पर क्या करे ठाकुर अब गाली खा रहा है, राजस्थान के किसी गांव, कस्बे, ढाणी, नगर, शहर मे कोई तालाब दिखे तो जरा पुछ कर देखे ”किसने बनवाया” ???
“कब बनवाया”??

जी हां, किसी ठाकुर ने बनवाया, रियासत काल मे, देश कि आजादी से पहले, अपने पैसै से, लोगो के लिऐ,
आज उन सब तालाबों की हालत भी देख कर आना, और फिर इस कविता पर एक बार फिर गौर करना, अच्छे कामो का पुरुस्कार क्या यही होना चाहिए था?

भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का।

(जी हां खेत ठाकुर का, क्योकी आप यहां के नही थे, आपको तो ठाकुर ने विनती मनवार करके कही और जगह से यहां ला कर बसाया और अपनी जमीने दी खेती के लीऐ

बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फ़सल ठाकुर की।
कुआँ ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत-खलिहान ठाकुर के
गली-मुहल्ले ठाकुर के

( जी हां बैल, हल और बीज भी ठाकुर के ही है, क्योंकि
बैल दिया ठाकुर ने, हल दिया ठाकुर ने, बीज दिया ठाकुर ने, खेत दिया ठाकुर ने, जी हां, पर हल की मुठ पर हथेली जरुर आपकी है क्योंकि ठाकुर की हथेली मे वह तलवार की मुठ है, जो आपकी, आपकी स्त्रियों की आपकी गायों की रक्षा के हाथ मे लिऐ खडा है ।।

फिर अपना क्या? गाँव? शहर? देश?

(गांव शहर देश यह सब आपका है, ठाकुर का तो सिर्फ साफा है, तलवार है और घोडा है, खेती रण भूमि मे करनी है और उगाना अपने वंश के शौर्य को है, कटना अपनी मात्रभूमि के लिऐ है और ठिकाना इनका शमशान मे है !!

Related Articles

Back to top button