कोल्हान के 87 गांव में झामुमो को नही दिया जाएगा घुसने, ईचा खरकई बांध विरोधी संघ मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की आदिवासियों पर तानाशाही नही चलेगी
ईचा खरकई बांध विरोधी संघ ने बाताया सीएम ने कहा है ईचा खरकई डैम रद्द नहीं होगा
चाईबासा। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की आदिवासियों पर तानाशाही नही चलेगी। आदिवासी मूलवासियों द्वारा चुनी हुई झामुमो की सरकार से उम्मीद के विपरीत कार्यशैली बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री, मंत्री और उनके विधायकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उक्त बाते ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान के अध्यक्ष बिर सिंह बुड़ीउली ने कहा। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के द्वारा ईचा डैम रद्द नही होगा के ब्यान का विरोध जताया। जिसके बाद तांतनगर प्रखंड के कुलाबुरु,गैरासाई और सिंडी गांव के मुंडा और ग्रामीणों ने अपना रोष व्यक्त किया। विस्थापितों ने एक स्वर में आवाज बुलंद किया कि झामुमो सरकार से उम्मीद के विपरीत कार्यशैली बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोल्हान के 87 गांव में झामुमो को घुसने नही दिया जाएगा। जिसकी शुरुआत आज कुलाबुरू, गैरासई और सिंडी से संघ द्वारा की गई। ग्रामीणों ने धोखा का जवाब वोट से झामुमो को देने का संकल्प लिया। ज्ञात को कि मुख्यमंत्री से संघ के प्रतिनिधि मंडल हाथ जोड़कर विनती किया था कि जल्द ईचा डैम को रद्द करवा कर आदिवासी और मूलवासियों को विस्थापित होने से बचा लीजिए। किंतु मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के रवैया और कार्यप्रणाली से नाराज होकर संघ के प्रतिनिधि एंव आंदोलनकारी उनके मंतव्य से दुखी और नाराज होकर मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकले थे। अब लोकसभा में झामुमो और प्रतिनिधियों के खिलाफ जनांदोलन चला कर वादा खिलाफी का बदला लेगी। मुख्य रूप योगेश कालुंडिया, गुलिया कालुंडिया, मारकंडे बांडरा, बब्लू बरजो,सुनील बाड़ा,प्रदीप जोंको,बिरसा गोडसोरा,राजेश सोय, मोनसा बोदरा,सालुका बारी, मोटा गोप,साधु चरण गोप आंदोलनकारी और ग्रामीण शामिल थे।