ओआरओपी मैं हुई विसंगतियों के मुद्दे पर पूरे झारखंड के सैनिकों को एक मंच पर लाने वाले कर्मठ सैनिक को खामोश करने का प्रयास : राजीव रंजन
जमशेदपुर। पूर्व प्रदेश संगठन मंत्री जिला संयोजक पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम झारखंड में सैनिकों को पहचान दिलाने वाले सुशील सिंह जैसा सदस्य शहर में किसी परिचय का मोहताज नहीं। झारखंड का दुर्भाग्य यह है की वर्तमान में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जिन्हें कोई सैनिक पहचानता तक नहीं। प्रदेश अध्यक्ष को यह अधिकार है क्या कि वह किसी सदस्य की प्राथमिक सदस्यता रद्द कर पाए?
कृपया कर वो अपने अधिकार क्षेत्र की जानकारी संगठन के उच्च अधिकारियों से प्राप्त कर लें।
ओ आर ओ पी में हुई विसंगतियों के खिलाफ पूरे राष्ट्र में सैनिकों का आक्रोश जैसे जैसे बढ़ रहा है। उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप ऐसे निर्णय पूर्व अपेक्षित हैं। इससे सैनिक अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हो सकते। बल्कि और मजबूती से इस लड़ाई को लड़ने के लिए प्रेरित होंगे। सैनिकों का उत्साह ऐसे अवरोधों से निरंतर बढ़ेगा सत्य की जीत होगी। इसलिए आज असत्य परेशान हैं । सैनिकों की इस लड़ाई में पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम सदैव अग्रणी भूमिका में रहेगा।