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तुलसी भवन महाकवि योगेन्द्र नाथ शर्मा अरुण’ को तुलसी सारस्वत सम्मान से विभूषित करेगा


सिमरन कौर
जमशेदपुर। सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन की कार्यकारिणी ने तुलसी जयंती के शुभ अवसर पर देश- विदेश में “जैन रामकथा” पर विशेष शोध करने वाले साहित्य-साधक, महाकवि एवं राष्ट्रीय साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ योगेन्द्र नाथ शर्मा “अरुण” को “तुलसी सारस्वत सम्मान” से विभूषित करने का निर्णय किया है। संप्रति डॉ “अरुण” महामहिम राष्ट्रपति द्वारा महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विवि, वर्धा की कार्य परिषद में नामित सदस्य हैं और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,भारत के “न्यासी” हैं। डॉ “अरुण” को भारत की राष्ट्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली का “भाषा सम्मान” (एक लाख रु) और केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के “स्वामी विवेकानन्द सम्मान” (5 लाख रु) सहित अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। 8वीं शताब्दी के जैन रामकथा महाकवि स्वयंभूदेव प्रणीत काव्य “पउम चरिउ” पर डी.लिट उपाधि प्राप्त डॉ “अरुण” अमेरिका, कनाडा, जापान, मॉरीशस, हॉलैंड और मैक्सिको आदि की यात्राएँ कर चुके हैं। 83 वर्षीय कवि डॉ योगेन्द्र नाथ शर्मा “अरुण” के महाकाव्य “वैदुष्यमणि विद्योत्तमा” सहित कई रचनाओं पर शोध कार्य हो रहा है।

आगामी 18 अगस्त को तुलसी जयंती समापन कार्यक्रम में सम्मान स्वरूप अंगवस्त्र, श्रीफल, स्मृति चिन्ह सहित 51,000₹ का चेक प्रदान किया जाएगा।

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