इंद्रनगर (ISWP के पास) में निर्मित रॉक गार्डन, टाटा स्टील की सहयोगात्मक सस्टेनेबिलिटी दृष्टिकोण का प्रतीक
जमशेदपुर: द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (ISWP) के पास इंद्रनगर में एक नए रॉक गार्डन का उद्घाटन 1 मई को चाणक्य चौधरी, वाईस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील द्वारा किया गया।
इस अवसर पर आईएसडब्ल्यूपी के प्रबंध निदेशक अभिजीत अविनाश नानोटी, टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (टीएसयूआईएसएल) के प्रबंध निदेशक ऋतुराज सिन्हा, टाटा स्टील के चीफ कॉरपोरेट सर्विसेज प्रणय सिन्हा और टाटा स्टील, टीएसयूएसआईएल और आईएसडब्ल्यूपी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
टाटा स्टील ने सस्टेनेबिलिटी और जैव विविधता की दिशा में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। कंपनी ने विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के माध्यम से अपने कर्मचारियों और स्थानीय समुदायों को जोड़ा है। ऐसी ही एक पहल इंद्रनगर में रॉक गार्डन है जो समकालीन समय में जैव विविधता के महत्व को बढ़ावा देती है।
रॉक गार्डन में अनूठी कला स्थापित की गयी है जिसमें इन-सीटू चट्टान नक्काशी शामिल है। पश्चिम बंगाल के एक इन-सीटू रॉक कार्विंग (यथास्थान चट्टान पर नक्काशी) कलाकार चित्त डे को टाटा स्टील ने जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र के महत्व के आधार पर एक कलाकृति बनाने का काम सौंपा था। इन-सीटू रॉक कार्विंग जो जमीन से बाहर निकलने वाली प्राकृतिक चट्टानों पर बनाई गई है, एक शिकार और शिकारी संबंध को दर्शाती है। कला-कृति खाद्य श्रृंखला प्रक्रिया को दर्शाता है, जो बताता है कि कैसे प्रत्येक जीव अपने अस्तित्व के लिए दूसरे जीव पर निर्भर करता है। इस कलाकृति में शिकार और परभक्षी संबंधों को दर्शाते हुए उनके प्राकृतिक आवासों में टिड्डी, मेंढक, खरगोश, लोमड़ी, सांप, उल्लू, शेर आदि जैसे जानवरों के रूपांकनों की कई नक्काशियां हैं। चाहे वह सांप को पकड़ने और निगलने वाला बाज हो, मेंढक को खाने वाला सांप, टिड्डे को निगलने वाला मेंढक और घास खाने वाला टिड्डा।
यह प्रभावशाली चट्टान पर की गयी नक्काशी 68 फीट चौड़ी और 22 फीट ऊंची है और प्राकृतिक क्रियाओं के कारण नुकसान होने पर भी अप्रभावित रहेगी। गुरुद्वारा तालाब के सामने 2 एकड़ के हरे-भरे स्थान के बीच पार्क में एक नया विकसित जल निकाय भी है। यह हमारे पर्यावरण की सुरक्षा और जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में उनका ध्यान आकर्षित करने और योगदान देने के उद्देश्य से नागरिकों को समर्पित किया गया है।