मुंबई की वह रात खुनी और धुंधली..
26/11 हमला पर कविता
मुंबई की रात, खूनी और धुंधली
आतंक की छाया, हर जगह फैली
निर्दोष लोग, मारे गए बेकसूर
उनकी आत्माएं, आज भी रोती हैं दुखी होकर
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज होटल और ओबेरॉय
हमलावरों ने इन जगहों को अपना निशाना बनाया
नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल
हर जगह खूनी और धुंधली रात
आतंक की छाया, हर जगह फैली
मुंबई की रात, खूनी और धुंधली
हमलावरों ने 166 मासूम लोगों की जान ले ली
और 300 से अधिक लोग घायल हुए
यह हमला भारत के इतिहास में एक काला धब्बा है
जिसने मुंबई की रात को खूनी और धुंधली बना दिया
हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए
कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है
आज भी हम उन शहीदों को याद करते हैं
जिन्होंने अपनी जान देकर हमारी जान बचाई
हम उनकी शहादत को कभी नहीं भूलेंगे
और उनकी याद में हमेशा उनका सम्मान करेंगे
आतंकवाद के खिलाफ हमें एकजुट होना होगा
और इसके खिलाफ लड़ने के लिए हमें तैयार रहना होगा
हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए
कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है
गांव की मिट्टी से रंगीला भारत,कभी मैला नहीं होता।
वतन से प्यार करने वालों का दिल, कभी काला नहीं होता।।*
जो मुल्क की सरहद पर शहीद होते हैं जो नौजवान जंग में।
हरेक बहादुर शहीद जवानों का कफन कभी मैला नहीं होता।।
अंतरराष्ट्रीय
हास्य कवि व्यंग्यकार
अमन रंगेला “अमन” सनातनी
सावनेर नागपुर महाराष्ट्र