परिवारवादी और पलायनवादी के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी इस बार सेवावादी को चुनने को है तैयार : शिव शंकर सिंह
25 साल तक जनप्रतिनिधि रहने वाले परिवारवाद को दे रहे बढ़ावा पिछली बार थे खिलाफ, इस बार कुर्सी पाने गोद में जा बैठे पलायनवादी
जमशेदपुर : झारखंड अलग राज्य गठन के बाद इस बार का विधानसभा चुनाव ऐसा पहला चुनाव होगा, जब जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के 3.36 लाख से अधिक मतदाता परिवारवादी, पलायनवादी और सेवावादी में से किसी एक का चयन करेंगे। मुझे जमशेदपुर पूर्वी के समस्त सम्मानित मतदाताओं पर पूरा भरोसा है कि वह इस बार परिवारवादी, पलायनवादी के मुकाबले सेवावादी को चुनेंगे। यह कहना है जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे चर्चित समाजसेवी शिव शंकर सिंह का, रविवार को बागुननगर, मोहरदा, टिन प्लेट नानक नगर, टिन प्लेट, ओल्ड बारीडीह, बागुनहातु, बिरसा नगर जोन 3, जोन 6 और जोन 7 के अलावा बारीडीह बस्ती व महानंद बस्ती जेम्को में वह जनसंपर्क अभियान के दौरान कही।
मतदाताओं से अपने सगे-संबंधियों व दोस्तों के साथ आने वाले 13 नवंबर को अपने चुनाव चिह्न गैस चूल्हा छाप पर भारी संख्या में वोट कर और जिताकर विधानसभा में भेजने की अपील करते हुए शिव शंकर सिंह ने कहा कि बीते 30 सालों में पहले परिवारवादी के 25 साल और उसके बाद पलाय़नवादी के 5 साल में जमशेदपुर पूर्वी को क्या मिला, यह सोचने व इस पर विचार करने का समय है। आखिर जमशेदपुर पूर्वी के बच्चों, यहां के युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों के जीवन में ऐसा क्या बदलाव आया जो फिर से वह चुनाव मैदान में खड़े होकर एक मौका दिए जाने की बात कह रहे हैं। यहां की जनता, मतदाता भली भांति अब यह समझने लगी है कि इस बार यदि वह चूके तो फिर उन्हें कभी कोई मौका नहीं मिलेगा परिवारवाद और वंशवाद से बाहर निकलने का क्योंकि 25 साल तक जिन्होंने यहां का प्रतिनिधित्व किया, उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी के लिए एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव किया जिसके बारे में यहां की एक-एक जनता जानना चाहती है कि जमशेदपुर पूर्वी के लिए उनका योगदान क्या है।
जब चुनाव चिह्न गैस चूल्हा को लेकर दिया दिलचस्प जबाब
रविवार को जमशेदपुर पूर्वी के एक दर्जन से अधिक इलाकों में जनसंपर्क और पदयात्रा करने के दौरान बहुत सीमित तरीके से चुनाव चिह्न के उपयोग को लेकर एक महिला मतदाता ने शिव शंकर सिंह से सवाल किया तो उन्होंने बेहद दिलचस्प तरीके से इसका जबाब देते हुए कहा कि वह अपनी मातृशक्ति यानी माताओं और बहनों के सामने इस चुनाव चिह्न को लेकर मौन हैं, क्योंकि गैस चूल्हा के रूप में उन्हें जो चुनाव चिह्न मिला है वह तो माताओं व बहनों के साथ साथ हम सभी के जीवन का आधार है, हमारे दिन की शुरूआत ही उससे होती है ऐसे में अपनी माताओं-बहनों को उसके बारे में मैं क्या बताऊं, इसके जरिए इस बार मुझ पर क्षेत्र की समस्त मातृशक्ति मुझ पर एक ऐसी कठिन और बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है जिससे यहां की जनता तीन दशकों से वंचित है।
नुक्कड़ नाटक के जरिए भी परिवारवाद के खिलाफ संदेश
निर्दलीय उम्मीदवार शिव शंकर सिंह के पक्ष में रविवार को नुक्क़ड़ नाटक के जरिए भी खूब चुनाव प्रचार किया गया। परिवारवाद और वंशवाद के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे शिव शंकर सिंह के संकल्पों को दोहराते हुए नुक्कड़ नाटक के कलाकारों ने अपने संवाद के जरिए लोगों को यह बताने की कोशिश कि आखिर बीते तीन दशकों में जमशेदपुर पूर्वी को अपने कितने समस्याओं से निजात मिली। इसके अलावा राजनीति में परिवारवाद का मतलब लोकतंत्र का हरण कर जनता पर राजतंत्र को थोपना। जो लोग इसे प्रोत्साहित करते हैं वह जनता की सेवा के लिए नहीं बल्कि इससे अपना निजी हित साधने की फिराक में होते हैं और इस बार ऐसे लोगों को ही चुनाव में फिर से परास्त करना है क्योंकि जमशेदपुर पूर्वी की जनता 2019 में ऐसा कर चुकी है और इस बार फिर से ऐसा कर उस इतिहास को दोहराना है, जब लगातार दूसरी बार क्षेत्र की कमान एक निर्दलीय के हाथों में होगी।