स्त्री शक्ति संगठन न्यास ने किया तीन दिवसीय वार्षिक अधिवेशन एवं सम्मान समारोह
प्रेरणा बुड़ाकोटी
नई दिल्ली। स्त्री शक्ति संगठन न्यास के वार्षिक अधिवेशन तथा सम्मान समारोह का आयोजन कुरुक्षेत्र के प्रेरणा वृद्धाश्रम के रामस्वरूप सभागार में हुआ। जिसमें स्त्री विमर्श एवं स्वच्छ हिन्दी वैश्विक हिन्दी अभियान की प्रासंगिकता विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन हुआ। इस सम्मान समारोह में देश के 24 राज्यों एवं कुछ अन्य देशों में बसी प्रवासी भारतीय क्षेत्रों से 130 महिलाओं को साहित्य, समाज, कला कौशल आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान हेतु सम्मान के लिए चुना गया गया ।
गौरतलब है कि स्त्री शक्ति संगठन द्वारा मानव तस्करी, लव जिहाद, स्त्री स्वास्थ्य, आत्म रक्षा, वैधानिक विषय, कौशल विकास, संस्कृति संरक्षण, बाल कल्याण, स्त्री सशक्तिकरण,भारतीय भाषा संरक्षण, गीता अध्यन, कुरूक्षेत्र गीता महोत्सव, गीता महात्म्य आदि सभी विषयों पर संगोष्ठी, भ्रमण तथा रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए।
महात्मा बुद्ध की नगरी कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) से पधारी कालिंदी बृजेश त्रिपाठी जी ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा – “स्त्री विमर्श को समझने के लिए स्त्री को स्वयं को समझना तथा स्वयं को सही ढंग से व्यक्त करना आना चाहिए।” अपने आप अक्टूबर में उन्होंने आगे कहा कि “समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए हमें विशिष्ट ज्ञान एवं कौशल की आवश्यकता है।”
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि असम और बिहार दोनों और प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करती हुई मिंटू शर्मा ने अपने वक्तव्य में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि – वर्तमान में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव के बावजूद हमें अपनी मातृभाषा को अधिक से अधिक महत्व देना चाहिए उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में हमारे देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा को अपनी वंचित भाषा में ग्रहण किया जा सकता है। सरकार के द्वारा इस दिशा में काफी सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी मातृभाषा हिंदी पूरे विश्व भर में बोली जाती है और अपने भारत देश को विश्व गुरु बनाने के लिए हमें अपनी हिंदी भाषा के प्रयोग पर अधिक से अधिक बल देना चाहिए।
मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार मधुकांत जी ने न्यास की अध्यक्षा ममता शर्मा, प्रबंधक कंचन मखीजा एवं अन्य पदाधिकारियों की सराहना कर प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, इन बेटियों के प्रयास को देखकर लगता है कि मेरी पुस्तक ‘चिरैया अब किसी से नहीं डरती’ शीघ्र ही लगता है सत्य सिद्ध होगी।
छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश से आई भारती श्रीवास्तव एवं कुछ अन्य अतिथियों का भी कहना था कि
“स्त्री और पुरुष एक-दूसरे अलग नहीं बल्कि एक दूसरे के पूरक है इसलिए दोनों को किसी भी समस्या के मूल में पहुँचने के बाद उसे अच्छी तरह से समझकर एक-दूसरे के सहयोग से मिलकर उसके समाधान को ढूँढना चाहिए। ऐसा करने से ही कम संसाधन, कम समय और कम मेहनत में समस्याओं के निदान की तरफ बढ़ा जा सकता है।”
मुख्य अतिथि आशा सिंगला के अनुसार,
“हर आदमी का किसी भी चीज को देखने का एक विशेष नजरिया होता है। यदि हम अपना नजरिया सकारात्मक रखेंगे तो हमें हर चीज सकारात्मक ही नजर आएगी।”
कार्यक्रम के अंत में प्रेरणा आश्रम के संचालक श्री जय भगवान सिंगला ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि – इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल महिलाओं के काम को पहचान मिलती है बल्कि उन्हें आगे और अधिक उत्साह के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहन एवं प्रेरणा भी मिलती है।
स्त्री संगठन स्त्री शक्ति संगठन न्यास की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता शर्मा अध्यक्षा ने अपने भाषण में कहा कि – महिलाओं को थोड़ा सा भी सहयोग होने पर उनकी प्रतिभा निखर कर आती है, स्त्री स्वास्थ्य, आत्मरक्षा, कौशल विकास जैसे स्त्री सशक्तिकरण के विभिन्न क्षेत्रों के अतिरिक्त लव जिहाद, मानव तस्करी और बाल कल्याण से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त यह संस्था कई वैधानिक समस्याओं के समाधान के साथ ही अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी एवं प्रादेशिक भाषाओं के संरक्षण के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। गत वर्षों में अपने अपने ध्येय को लेकर स्त्री शक्ति संगठन न्यास ने अनेक गोष्ठी, प्रतियोगिता, वर्कशॉप, अभियान एवं उत्सवों इत्यादि करते रहे हैं। और आगामी वर्ष में और अधिक ऊर्जा, उत्साह से कार्य करेंगे।
भारत सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालकों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं में सहयोग कर समाज एवं राष्ट्र को सुदृढ़ बनाना ही न्यास का लक्ष्य है।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रमुख रूप से स्त्री शक्ति संपादक- कंचन मखीजा व ममता शर्मा, तथास्तु श्री – लेखिका कंचन मखीजा, और स्त्री विमर्श की कविताओं से सुसज्जित डॉ० मधुकांत की ‘चिरैया किसी से नहीं डरती’
आशा सिंगला की पुस्तक -चलो चले प्रकृति के अतिरिक्त का विमोचन किया गया। ‘स्त्री शक्ति’ संकलन में देश के 24 राज्यों की लगभग 119 महिलाओं की साहित्यिक रचनाएँ शामिल की गईं हैं। कार्यक्रम में इन 3 पुस्तकों के अलावा से स्तर विभिन्न विधाओं में अन्य 11 पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इस कार्यक्रम का मंच संचालन कंचन मखीजा ने किया। गौरतलब है कि जिस में साहित्य के साहित्य की कविता लघु कथा संस्मरण के अलावा पंजाबी विषयों की हिंदी हरियाणवी हिंदी पंजाबी हरियाणवी विषयों की भाषाओं की कविता लघु कथा संस्मरण आदि शामिल है। साहित्य के अलावा इस कार्यक्रम में दो एकेडमिक पुस्तकों का भी विमोचन किया गया कॉमर्स और कम्युनिकेशन के क्षेत्र से दो एकेडमिक।
कार्यक्रम में आमंत्रित मुख्य अतिथि:
डॉ. जय भगवान सिंगला, (व्यापारी एवं साहित्यकार, समाज सेवी) श्रीमती आशा सिंगला (समाज सेवी, साहित्यकार) डॉ. मधुकांत (वरिष्ठ साहित्यकार, समाज सेवी) श्री महेश गौतम (अशोक लीलैंड में कार्यरत व्यवसायी, सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता, ट्रेडर, ज्योतिषी साहित्य सेवी) डॉ वीणा सिंह गहलोत (वरिष्ठ चिकित्सक,(Head, MD Biochemistry, NCMCH Panipat. Ex. Head Department of Biochemistry, PGIMS Rohtak)6. डॉ. रिंकू (स्वतंत्रता सेनानी पुत्री, संसद में कार्यरत, समाज सेवी) डॉ. कालिंदी बृजेश त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश (साहित्यकार, प्राचार्या) डॉ प्रतिभा, सिंगापुर (व्यवसायी, साहित्यकार) रहे।