FeaturedJamshedpurJharkhandNational

अवधेश कुमार की तिकड़मी कार्यशैली से एसटी कोटा के अभियंता शोषण और उपेक्षा के हो रहे हैँ शिकार


रांची। अधीक्षण अभियंता राम निवास प्रसाद की सेवा ग्रामीण कार्य विभाग में नहीं आने देने के लिए अवधेश कुमार ने विभागीय सचिव को मैनेज किए जाने की चर्चा से आदिवासी समाज के अभियंता अवधेश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक दशक से भी अधिक समय से ग्रामीण कार्य विभाग के वर्क्स यानी क्रीमी लेयर के तीन से चार पद कार्यरत रहने का मामला को तुल देना शुरू कर दिया है। जल संसाधन विभाग में एसटी कोटा की अभियंताओं को साजिश के तहत ग्रामीण कार्य विभाग में सेवा नहीं भेजा जाता है। विभागीय अधिकारी जेल में बंद संजीव कुमार लाल के पहले के तर्ज पर आज भी अवधेश कुमार के इर्द गिर्द घूमती रहती है। सूत्रों की माने तो जेल में बंद पूर्व मुख्य अभियंता बिरेंद्र राम और संजीव कुमार लाल दोनों विभाग को अवधेश कुमार के माध्यम से चला रही है। अवधेश कुमार की हैसियत अब बिरेंद्र राम से भी ऊपर बताई जा रही है? दस साल में निविदा निष्पादन में चार सौ करोड़ की की वसुली का मामला को दबाने और छिपाने में लगे हैं? सुत्र बताते हैं कि बिरेंद्र राम ने अपना उत्तराधिकारी के तरह अवधेश कुमार को सामने रखा है?आलमगीर आलम, संजीव कुमार लाल और बिरंद्र राम की पुरी सम्पत्ति और विरासत का संरक्षक है अवधेश कुमार? आज अवधेश कुमार ग्रामीण कार्य विभाग और जल संसाधन विभाग के सिस्टम के हाईजैक किया हुआ है, जिससे एसटी कोटा के अभियंता सबसे ज्यादा शोषित और उपक्षित हैं ? आदिवासी राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के विभागीय मंत्री के रहते बेचारे आदिवासी एसटी कोटा के अभियंता ग्रामीण विकास विशेष के मुख्य अभियंता बनने से वंचित हैं।

Related Articles

Back to top button