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शहर के सामुदायिक भवनों पर दबंगों का क़ब्ज़ा, जे एन ए सी जांच को ठंढे बस्ते में डाला : मनोज मिश्रा

जमशेदपुर । झारखण्ड सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा सामुदायिक भवनो के जाँच के आदेश को जिला प्रशासन एवं जेएनएसी ने ठेंगा दिखा दिया है। छः माह पूर्व आये आदेश पर आज तक जाँच की कोई कार्यवाही नहीं हुई । उक्त जानकारी झारखण्ड मानवाधिकार संगठन के प्रमुख मनोज मिश्रा ने भुईयाडीह मे आयोजित संगठन की एक बैठक मे दिया है। उन्होने बताया कि अत्यंत गंभीर एवं संवेदनशील इस मामले को लेकर वे काफ़ी गंभीर है। उन्होने कहा की मामले को दबाने के जो प्रयास किये जा रहे है, उससे यह लगता है कि अक्षेस के पदाधिकारी भी इस गोरखधांधा मे शामिल है। उन्होने इसकी शिकायत सरकार से करते हुए मामले की जानकारी उपायुक्त को भी दी है। मनोज मिश्रा ने बताया कि मामले को किसी भी हाल मे रफा दफा होने नहीं देंगे। जरूरत पड़ेगी तो मामले पर उच्च न्यायलय को लेकर जनहित याचिका भी दायर करेंगे। उन्होने बताया कि वे स्वयं भुईयाडीह स्थित छाया नगर सहित जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति द्वारा संचालित शहर के सभी सामुदायिक भवनो मे व्याप्त अनियमितता की जाँच की मांग को लेकर एक पत्र सरकार के नगर विकास विभाग को प्रेषित किया था, जिसके प्रतिउत्तर मे सरकार ने जिला उपायुक्त विजया जाधव को अपने पत्रांक 4463, दिनांक 21/12/22 द्वारा जाँच के आदेश दिए थे। डीसी ने मामले मे खाना पूर्ति करते हुए उसी आरोपित विभाग जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी को ही मामले की जाँच के लिए सम्बंधित पत्र भेज कर जाँच के आदेश दे दिए। जिसके बाद अक्षेस ने मामले को ठन्डे बस्ते मे डाल दिया। छः माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी अबतक जाँच नहीं किये जाने को संगठन ने काफ़ी गंभीरता से लिया है। उन्होने कहा है कि यह सरकार के आदेश की अवहेलना के साथ साथ भ्रस्टाचार को बढ़ावा देने वाला कुकृत्य भी है। मनोज मिश्रा ने बताया कि इसी मामले पर सूचना अधिकार के तहत मांगे गए सूचना मे भी अक्षेस के विशेष पदाधिकारी ने बगैर दस्तावेज के आधी अधूरी जानकारी देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी, जिसके खिलाफ आपत्ति दर्ज की गयी है। उन्होने कहा कि सामुदायिक भवनो मे दबंगो का कब्ज़ा है, जहां बीना रशीद के मनमानी शुल्क वसूला जाता है। जिसमे अक्षेस के लोगो की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस पुरे मामले का वे भंडाफोड़ कर के रहेंगे।

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