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ITDA में भी लाभुक समिति का भुगतान का मामला लगभग दो माह से लटका हुआ, राशी विमुक्त नहीं होने के कारण जहां कार्य एजेंसी परेशान है वहीं संवेदक भी त्रस्त

झारखंड आंदोलनकारियों को सरकार कर रही सम्मानित वहीं स्थानिय जिला प्रशाषन आंदोलनकारी को कर रहा है अपमानित

संतोष वर्मा

चाईबासा। ITDA में भी लाभुक समिति का भुगतान का मामला लगभग दो माह से लटका हुआ है,जबकि इस संबद्ध में बीडीओ नोआमुंडी के द्वारा ग्रामसभा से पारित प्रस्ताव को भेज दिया है,लेकिन सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार कमिशन वसुली के चक्कर में भुगतान का मामला लटका हुआ है। ग्राम सेलदौरी जहेर स्थान का चहारदीवारी का कार्य पूर्ण करने के बाद भी लाभुग समिति को भुगतान से वंचित रखा गया है।संवेदकों के द्वारा योजनाओं को पुरा किए जाने के बाद जिला प्रशासन तय समय पर राशि विमुक्त करे।वहीं झामुमो पश्चिमी सिंहभूम जिला सचिव सोनाराम देवगम नें कहा की जबकी संवेदक ही विकास का असली रीढ़ है,साथ ही जिला के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं,इस लिए संवेदकों की सभी प्रकार की दिक्कतों को दूर किया जाना चाहिए। हाल के दिनों में दो माह से भी अधिक समय राशि विमुक्ति में लग रहा है। कई संवेदक इसकी शिकायत कर रहे हैं।इसलिए मैं पार्टी की ओर से इस गंभीर मुद्दे को मीडिया के माध्यम से कहना है की जिला प्रशासन को संवेदकों की दिक्कतों का समाधान करें।जिला प्रशासन राशि विमुक्ति का मामला और बीडीओ की जांच कराने में कितना समय लगेगा। इसे जिला प्रशासन को चाहिए कि समय निर्धारित करें।कार्यकारी एजेंसी संवेदकों को भुगतान करने में विलंब न करें।डीएमएफटी शाखा में सहायकों और पदाधिकारियों के बीच संचिका लम्बे समय तक घूमता रहता है,यह चिंता का विषय है। संचिका को लटकाना या किसी कार्य में विलंब करना भी भ्रष्टचार का घोतक माना जाता है।दूसरी ओर सूत्रों की माने तो संवेदकों की एक मंडली मुख्यमंत्री से मिल कर राशि विमुक्ति में हो रहे देरी की शिकायत करने वाले हैं।जिला प्रशासन के लेट लतीफी के कारण समय पर राशि विमुक्ति नहीं हो रही है।सीएम के दरबार में राशि विमुक्ति का मामला पहुंचने की संभावना। विशेष प्रमंडल,लघु सिंचाई,भवन प्रमंडल से संवेदकों का भुगतान के लिए राशि की मांग की गई है। संवेदक भुगता के लिए समाहरणालय का चक्कर लगाते लगाते थक जा रहें हैं। ग्रामीण कार्य विभाग से भी राशि की मांग किया गया है,लेकिन लम्बे समय बीतने के बाद भी राशि विमुक्त नहीं हुआ है।

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एक ओर जहां झारखंड सरकार अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन करनें वाले आंदोलकारियों को सम्मान दिया जा रहा है और आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए संचालित योजनाओं में भागीदारी देने के लिए कटीबद्द है।वहीं स्थानिय जिला प्रशासन के द्वारा राशि विमुक्त नहीं किये जाने से कई वैसे संवेदक भी जिन्हे सम्मान दिया गया सरकार द्वारा उन्हे अपमानित किया जा रहा है।और वैसे संवेदक आर्थिक संकट का दौर से झुझ रहा है।

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