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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मेहरबानी पर जमे हुए हैं ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता अवधेश कुमार?

रांची। हाई लेबल पैरवी और शाम, दाम, दंड, भेद के बल पर पिछले एक दशक से भी अधिक समय से ग्रामीण कार्य विभाग में सेवारत मुख्य अभियंता अवधेश कुमार
जमे हुए हैं। झारखंड में सरकार चाहे जिसकी भी हो अवधेश कुमार तबादला नहीं होता है।
वर्तमान समय में झारखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मेहरबानी पर अवधेश कुमार अपने पद पर जमे हुए हैं?इनके लिए सरकार के पास कोई नियम कानून नहीं है। कोल्हान के आदिवासी संगठन की ओर से अवधेश कुमार की आय से अधिक सम्पति की जांच की मांग उठने लगी है। साथ ही ये फिलहाल ईडी के रडार पर हैँ। आधिकारिक सूत्रों की माने तो अवधेश कुमार पर केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से कभी भी गाज गिर सकती हैँ।

अवधेश कुमार ने जल संसाधन विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग को अपने बस में कर रखा है। अपने ऊंचे पहुंच और पैरवी के बल पर अवधेश कुमार अपने समकक्ष वाले अभियंता की सेवा जल संसाधन विभाग से ग्रामीण कार्य विभाग में नहीं आने देते हैं।
सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि आज भी कैश कांड के मुख्य आरोपी संजीव कुमार लाल के इशारे से अवधेश कुमार काम कर रहे हैं।
सूत्रो के अनुसार मुख्य अभियंता बने रहने के लिए जल संसाधन विभाग से अधीक्षण अभियन्ता की सेवा नहीं आने दे रहें हैं।
पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और संजीव कुमार लाल के सिंडिकेट के सर्वेसर्वा हैँ ।
भविष्य में यदि अवधेश कुमार फैंस क्लब बना दिया जाए तो जल संसाधन और ग्रामीण कार्य विभाग के बड़े बड़े ऑफिसर और मंत्री सदस्य होंगें। ईडी के द्वारा संजीव कुमार लाल के नौकर के घर से प्राप्त करोड़ों राशि में अवधेश कुमार की कितनी वसुली राशि थी, जांच का विषय है।
अवधेश कुमार को मुख्य अभियंता के पद पर बनाए रखने के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों और बिरेंद्र राम के चहेते माफिया ठिकेदार विभागीय मंत्री इरफ़ान अंसारी की घेरा बंदी शुरू कर दी है। बता दें की जल संसाधन विभाग के एसटी कोटा के वरीय अभियंता राम निवास प्रसाद और अवधेश कुमार के बीच घमासान शुरू हो चुका है? सत्ता पक्ष के अधिकांश वलोग अवधेश कुमार को बदलने और एसटी कोटा के अभियंता को बनाने की पैरवी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किए जाने की चर्चा हैँ, लेकिन विभागीय अधिकारी के चहेते होने से अब तक प्रभार में बने हुए हैं।
एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि ईडी कैश कांड में अवधेश कुमार को भी पार्टी बनाने की मांग गैर सरकारी संगठन के द्वारा न्यायालय से की जा सकती है।
अवधेश कुमार पर संजीव कुमार लाल के खास और राजदार होने का ठप्पा लगा हुआ है। सुत्र बताते हैं कि इस लिए मंत्री किसी एसटी कोटा के अभियंता को मुख्य अभियंता बनाना चाह रहे हैं।
विभागीय मंत्री की मेहरबानी से अवधेश कुमार लगातार अधिकांश चार पदों पर प्रभारी बने रहते हैं।
किसी की भी सरकार रहे, अवधेश कुमार तीन से चार पद को हैंडल करते हैं। वो लगातार वर्क्स में ही पोस्टेड रहें हैं। ग्रामीण कार्य विभाग में अधीक्षण अभियंता की कमी का ढिढोरा पीट कर उसका लाभ अवधेश कुमार को दिया जाता है।

सूत्रो के अनुसार वर्तमान में अपने पद पर बने रहने के लिए बिरेंद्र राम के स्टाईल में सत्ता पक्ष के एक नेता के द्वारा विधान सभा चुनाव में पार्टी फंड में डोनेशन देने का भी ऑफर किया गया है?
एन केन प्रनकेन यूं समझा जा सकता है कि किसी भी स्तर पर जा कर अपने पद को अवधेश कुमार बचा लेना चाहते हैं। ग्रामीण कार्य विभाग में किसी भी ऊंचे पद पर एसटी अभियंता नहीं है। जेएसआरआरडीए के मुख्य अभियंता जेपी सिंह, अभियंता प्रमुख जेपी सिंह, मुख्य अभियंता अवधेश कुमार हैं। आचार संहिता खत्म होने के समय में ईडी की रडार पर आए विभागीय मंत्री आलमगीर आलम के समय काल का 33 निविदा का निष्पादन अवधेश कुमार के द्वारा किया गया है, जिसकी जांच की जा सकती हैँ की उसमें की अवैध कमाई का हिस्सेदार कौन कौन बना।
अवधेश कुमार अपने पद का दुरुपयोग कर दूसरे विभाग के एजेंसी लघु सिंचाई प्रमंडल की निविदा का निष्पादन कर रहे हैं। डीएमएफटी फंड से स्वीकृत जिला स्तर की योजना का निविदा में भारी कमिशन वसुली की चर्चा, जांच की संभावना प्रबल है।

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