EC के दिशा निर्देश के अनुपालन में हुई चूक का दंश झेलेंगे सैकड़ों दारोगा..धनबाद से गिरिडीह गए डेढ़ दर्जन दारोगाओं पर लटकी तलवार,चतरा भी चपेट में.
धनबाद–भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देश के आलोक में मंत्रिमंडल(निर्वाचन) विभाग झारखंड सरकार द्वारा 27 दिसंबर 2023 को जारी निदेशानुसार पिछले 6-7 फरवरी 2024 को झारखंड राज्य पुलिस स्थापना पर्षद की हुई महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस की विभिन्न इकाइयों-जिलों में तीन वर्षों से अधिक समय से जमे कुल 2703 अवर निरीक्षकों को इधर से उधर किया गया है। लेकिन इसमें बहुत से अवर निरीक्षकों का जिला तो बदल गया,लेकिन पड़ोसी जिले में स्थानांतरित होने के कारण वे उसी संसदीय क्षेत्र की परिधि में रह गए जहां वे पहले पिछले तीन वर्षों या उससे अधिक से थे। लिहाजा चुनाव आयोग की नीति और निर्देश का पालन नहीं हुआ। इसे आयोग ने गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों को इसमें अविलंब संशोधन का निर्देश दिया है।
झारखंड के तमाम लोकसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि कोई दो जिलों तो कोई तीन जिलों को स्पर्श करती है। ऐसे में किसी भी जिला से पड़ोसी जिला में स्थानांतरित अवर निरीक्षकों को इसका शिकार बनना ही पड़ेगा। इसलिए वैसे लोगों का पुनः तबादला अवश्यम्भावी है। धनबाद से गिरिडीह , हजारीबाग से चतरा सहित आधा दर्जन जिलों में ये खेल ज्यादा हुआ है।
चतरा संवाददाता के मुताबिक राज्य स्थापना पर्षद द्वारा जारी अधिसूचना की सूची में क्रमांक 1334 में अवर निरीक्षक प्रशांत कुमार मिश्रा का नाम है,जिनका गृह जिला समस्तीपुर है और वे 2018 बैच के दरोगा हैं। वे हजारीबाग जिलाबल में तीन साल से अधिक अवधि तक रहे और फिर पड़ोसी जिला में ट्रांसफर हो गए। वे चतरा संसदीय क्षेत्र में पहले थे और इसबार फिर उसी सीमा में रह गए।कहते हैं कि मिश्रा जी बहुत पहुंच वाले दारोगा हैं,पैरवी के बूते ही हजारीबाग से सटे चतरा तक का ही सफर इन्होंने किया।आने के साथ पिपरवार थाना की कुर्सी मिल गयी।
ऐसे ही धनबाद जिला बल से स्वेता कुमारी,रौशन कुमार,विक्रम कुमार, योगेश महतो, सत्येंद्र पाल, दीपक कुमार, महेश चंद्र,विभूति देव,नंदू पाल, रोहित सिंह,अमित चौधरी, ,विकाश यादव,कंचन कुमारी,मुकेश कुमार पंडित,राजेश कुमार नामक अवर निरीक्षकों का ट्रांसफर गिरिडीह हुआ है। वे पूर्व में भी गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में थे और पुनः वहीं रह गए। कायदे कानून के मुताबिक इनका भी पुनः ट्रांसफर तय है।