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डॉ पयोधि धर झारखंड में स्वास्थ्य सेवा सुधार की दिशा में बढ़ा रहे कदम


जमशेदपुर। कोलकाता के डॉ पयोधि धर (एमबीबीएस(ऑनर्स.), एमडी(पीएचए.), एसीएमडीसी, सीसीटीडी, पीजीडीसी (कार्डियो.), पीजीडीईडी (एंडओ.), एफपीसीसी(कार्डियो.)) झारखंड राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए लोगों को उचित खर्च पर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने का निर्णय लिया है। सोमवार को साकची के एक होटल में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने बताया कि देश के कई राज्यों में उनकी यह सुविधा जारी है, अब झारखंड के लोगों को यह लाभ दिलाने का बीड़ा उठाया है. उनका मुख्य उद्देश्य बेहतर चिकित्सा के लिए यहां के लोगों का देश के अन्य बड़े शहरों में जाना रोकना है। चिकित्सक ने कहा कि वे झारखंड के 32,620 गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा और प्राइमरी हेल्थकेयर सुविधाओं के साथ-साथ टेस्टिंग लैब्स लाना चाहते हैं। उनका उद्देश्य है कि न सिर्फ मरीज बल्कि उनके परिवार और सभी संबंधित व्यक्तियों को भी इन सेवाओं से लाभ हो। उनका विश्वास है कि सुस्वास्थ्य सेवा ही समाज की उन्नति का आधार है। डॉ धर ने बताया कि सरकार स्तर पर भी इस संबंध में वार्ता जारी है। कहा कि उक्त सेवा के शुरू होने से स्वास्थ्य सेवा और बेहतर होने, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी मिलने व आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है. इस सेवा के लिए कई विशेषज्ञों की सेवा ली जाएगी. चिकित्सा सेवा शुरू होने से संबंधित क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रोज़गारों की संख्या में वृद्धि होगी. उनका कहना है कि पेशेंट फर्स्ट, पीपल फर्स्ट उनकी सोच होगी। एक सवाल के जवाब में कोलकाता में गतदिनों जूनियर डॉक्टर के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए डॉ धर ने कहा कि इसके विरोध में उतरे चिकित्सकों का बिना राजनीतिक सहयोग के विरोध प्रदर्शन सही में अतुलनीय है। यह विरोध अब सिर्फ कोलकाता ही नही, वरन बंगाल के अलग अलग क्षेत्रों समेत दूसरे प्रदेशों में भी पहुँच गया है। न्याय के लिए अद्भुत तरीके से विरोध हो रहा है, जो एक अनोखा उदाहरण है। मालूम हो कि “जीव से प्रेम करते हैं जो जन, वही ईश्वर की सेवा करते हैं।” इस महान विचार को याद करते हुए डॉ पयोधि धर ने अपने पूरे चिकित्सा जीवन को मानव कल्याण के लिए समर्पित करने का प्रण किया है। पश्चिम बंगाल में पले-बढ़े इस चिकित्सक का झारखंड से गहरा संबंध है, और वे झारखंड को अपने परिवार का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।

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